बसपा महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र के खिलाफ मानहानि का केस
लखनऊ, 12 सितम्बर : बसपा के महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा के विरूद्ध खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले एक व्यक्ति ने मोर्चा खोल दिया है। उसने भाजपा कार्यकर्ता कहने पर बसपा महासचिव के विरूद्ध मानहानि का मुकदमा पंजीकृत करा दिया है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी ने वादी के बयान दर्ज करने की तिथि 20 सितम्बर निर्धारित की है।
बताया जा रहा है कि दायर याचिका में वादी ने सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करते हुए प्रसिद्ध समाजसेवी कार्यकर्ता अन्ना हजारे के विचारों का खुद को अनुयायी बताया है। वादी का कहना है कि प्रजातंत्र में निष्पक्ष चुनाव होने चाहिए तथा इसी उद्देश्य से उसने भाजपा के विरुद्ध उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के समक्ष याचिका दायर की थी। फिर उसे ही भाजपा कार्यकर्ता बताया गया है।
इसी दौरान सतीश चंद्र मिश्र ने तीन मार्च 2017 को भारत के निर्वाचन आयोग के सचिव मलय मलिक को पत्र लिखकर वादी को भाजपा का एजेंट या कार्यकर्ता होना बतलाया था। इस पर दो अगस्त को प्रकाश चन्द्र ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से बसपा के राष्ट्रीय महासचिव को नोटिस भेजा, जो उन्हें 14 अगस्त को प्राप्त हुई। सतीश चन्द्र मिश्रा ने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया। आरोप है कि सतीश चंद्र मिश्र के इस कृत्य से वादी को मानसिक एवं सामाजिक क्षति पहुंचाई है।