बजट 2018 : मोदी सरकार के बजट से किसे लगा झटका और किसे मिली राहत , जाने बजट की मुख्य बातें
नई दिल्ली: आज मोदी सरकार के आखिरी पूर्ण बजट में मिडिल क्लास को बड़ा झटका मिला है. इस बजट से आम लोगों को काफी उम्मीदें थीं लेकिन कोई राहत नहीं मिली है. किसानों और गरीबों के लिए कई सारे लुभावने वादें किए गए हैं लेकिन मध्यमवर्ग…खासकर नौकरीपेशा के लिए कुछ भी नहीं है. आपको यहां बता रहे हैं कि वित्त मंत्री अरूण जेटली के बजट की मुख्य बातें-
‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना’
बजट में सबसे बड़ा ऐलान 10 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों को लाभ पहुंचाने को लेकर किया गया है. सरकार अब 50 करोड़ लोगों के इलाज पर पांच लाख तक का खर्च उठाएगी. इसका मतलब है कि सरकार देश की करीब आधी आबादी का पांच लाख तक का मेडिकल खर्च खुद वहन करेगी. सरकार के योजना का नाम ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना’ है और इससे पांच लाख रुपये प्रतिवर्ष तक का कवरेज हर परिवार को मिलेगा. बता दें कि मौजूदा राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना गरीब परिवारों को 30 हजार रुपये का वार्षिक कवरेज ही देती है. टीबी के मरीजों के लिए भी बड़ा ऐलान किया जिसमें उन्होंने बताया टीबी मरीजों के लिए 600 करोड़ रुपए की स्कीम लाएगी सरकार. टीबी मरीज को हर महीने 500 रुपए दिए जाएंगे.
पेट्रोल-डीजल नहीं होंगे सस्ते
मिडिल क्लास पर एक और मार पड़ी है. जहां बजट के बाद ये खबर आई थी कि पेट्रोल-डीजल के दाम में 2 रुपये की कटौती हो गई है लेकिन अब खबर आई है कि ऐसा नहीं होगा. सरकार ने साफ किया है कि भले ही एक्साइज ड्यूटी घटाई गई है लेकिन जितनी एक्साइज ड्यूटी घटाई गई है उतना इन पर सेस लगाया गया है. इसके चलते पेट्रोल-डीजल सस्ते नहीं होंगे.
पेट्रोल डीज़ल पर एक्साइज़ और सेस का खेल देखें तो बजट में पेट्रोल और डीज़ल पर 8 रुपए का नया ‘रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस’ लगाया गया और 6 रुपए का पुराना ‘रोड सेस’ खत्म किया गया. यानी पेट्रोल और डीज़ल पर दो रुपए सेस बढ़ गया है. पेट्रोल और डीज़ल पर बेसिक एक्साइज़ ड्यूटी 2 रुपए घटा दी गई है. इसलिए दो रुपए सेस बढ़ने और 2 रुपए एक्साइज़ ड्यूटी घटने से पेट्रोल की कीमत में बदलाव शून्य रहा है.
पिछले कुछ वक्त से ही इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जिसकी वजह से यहां भी पेट्रोल, डीजल की कीमतें काफी बढ़ गई थीं. इसी के चलते मोदी सरकार पर एक्साइज ड्यूटी घटाने का दवाब बना हुआ था. हालांकि एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के बावजूद सेस बढ़ाकर सरकार ने सस्ते पेट्रोल, डीजल की उम्मीदों पर फिलहाल तो पानी फेर दिया है.
महिलाओं को मिले ये लाभ
इस बजट में महिलाओं को ध्यान में रखकर कई बड़े ऐलान किए गए हैं. महिलाओं को EPF में छूट मिली है, पेड मैटरनिटी लीव जैसे बड़े फायदे मिले हैं तो वहीं ग्रामीण महिलाओं को गैस कनेक्शन और सामाजिक सुरक्षा की सौगात मिली है. साल 2018 में नौकरी शुरू करने वाली महिलाओं को EPF में 12 फीसदी की जगह 8 फीसदी ही देना होगा. ‘उज्जवला योजना’ के तहत बीपीएल सूची वाली आठ करोड़ महिलाओं को फ्री गैस कनेक्शन भी सरकार देगी. इसके साथ महिलाओं को अब छह महीने की मैटरनिटी लीव मिलेगी. इन छुट्टियों में उन्हें पूरी सैलरी भी मिलेगी. इसके साथ महिला स्वंय सहायता समूहों को पिछले साल मिली ऋण राशि 42,500 करोड़ रुपए को बढ़ाकर इस साल 75,00 करोड़ रुपए कर दिया गया है.
पेश किए गए पूर्ण वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई ऐलान किए गए हैं. सीनियर सिटीजन को अब 50 हजार तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. पहले 10 हजार रूपये तक पर टैक्स से छूट मिलती थी. इसे पेंशनर्स के लिए बहुत बड़ा फायदा माना रहा है क्योंकि उनके पास ब्याज से मिला हुआ इनकम ही सबसे बड़ा आय का स्रोत होता है. इसके साथ ही मेडीक्लेम में टैक्स छूट की सीमा 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गई है.
इस बजट में मिडिल क्लास को कोई खास राहत नहीं मिली. ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि इनकम टैक्स में बड़ा बदलाव हो सकता है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सरकार ने इस बजट में इनकम टैक्स स्लैब नहीं बदला है. जहां एक हाथ से सरकार ने 40 हजार रुपये तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया है तो साथ ही दूसरे हाथ से ट्रांसपोर्ट अलाउंस और मेडिकल रिइंबर्समेंट को छीन लिया है. साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा पर 3 फीसदी की बजाए 4 फीसदी सेश लगा दिया गया है जिसकी वजह से आपकी आमदनी पर 1 फीसदी का अतिरिक्त टैक्स लग जाएगा.
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार ने किसानों के लिए भी बड़ा ऐलान किया है. इस बजट में किसानों को बड़ी राहत देते हुए खेती के लिए 11 लाख करोड़ कर्ज देने की बात कही गई है. सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य 1.5 गुना बढ़ाने का एलान भी किया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया है कि रबी फसलों का समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुना तय किया जा चुका है, जबकि दूसरी फसलों को भी यह मूल्य दिया जाएगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 42 फूड पार्क लगाने का एलान किया है. वित्त मंत्री ने आलू, टमाटर और प्याज की फसल के लिए अलग से 500 करोड़ रुपये देने की बात भी आम बजट में कही है.
इस बजट में शेयर बाजार पर भी टैक्स की मार पड़ी है. एक लाख रुपये तक इक्विटी से कमाई पर आपको 10 फीसदी की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगाया गया है. इसके तहत अगर अगर 1 साल के बाद शेयरों को बेचा जाता है तो 1 लाख रुपये तक की इनकम पर आपको टैक्स देना होगा. अभी एक साल से कम समय में शेयर बेचने पर 15 फीसदी का अल्पकालिक पूंजी लाभ कर देना होता है. इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. इस नए कर से सरकार को 36,000 करोड़ रुपये की आय होगी.
सरकार ने विदेश से आने वाले सभी सामानों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी है जिसका सीधा असर ये हुआ है कि मोबाइल, टीवी, सिगरेट, ज्वैलरी, फुटवियर, गाड़ियां, खिलौने, मेकअप, डियोड्रेंट्स, परफ्यूम सहित एलसीडी, एलईडी, ओएलईडी टीवी भी महंगा हो गया है.
रेल बजट का एलान करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश को बड़ी सौगात देते हुए कहा कि रेल पर 1 लाख 48 हज़ार करोड़ खर्च किया जाएगा. ये पैसा पटरी, गेज बदलने जैसे काम पर खर्च किया जाएगा. इसके बाद पूरी भारतीय रेल ब्रॉडगेज हो जाएगी. 600 रेल स्टेशनों को आधुनिक बनाया जाएगा. मुंबई में लोकल नेटवर्क का दायरा बढ़ाया जाएगा. रेलवे में 18,000 किमी लाइनों के दोहरीकरण का काम किया जाएगा, 36,000 किमी रेल पटरियों के नवीकरण का भी लक्ष्य रखा गया है जबकि अगले दो सालों में ब्राड गेज मार्गो पर 4267 मानव रहित रेलवे क्रासिंग को भी समाप्त किया जाएगा. 25,000 से ज़्यादा यात्रियों वाले स्टेशनों पर एस्केलेटर लगाए जाएंगे. सभी ट्रेनों और स्टेशनों में सीसीटीवी और वाई-फाई लगाए जाएंगे.
ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट तक सुलभ पहुंच के लिए पांच लाख वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित किए जाएंगे.
प्रत्येक तीन संसदीय क्षेत्रों में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज खुलेगा.
सौभाग्य योजना के तहत गरीबों को चार करोड़ बिजली कनेक्शन की सुविधा.
सरकार ने इस बजट में 70 लाख नौकरियां पैदा करने की बात कही है. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा है कि सरकार अगले तीन वर्षो में सभी क्षेत्रों में ईपीएफ के तौर पर 12 फीसदी के वेतन का योगदान करेगी. नई स्कीम का एलान करते हुए बीटेक छात्रों के लिए पीएम रिसर्च फेलो प्लान लॉन्च की गई है. इस स्कीम के जरिए हर साल 1000 छात्रों को फायदा मिलेगा.
साल 2022 तक 50 फीसदी एसटी आबादी वाले और 20,000 जनजाति के लिए नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर एकलव्य स्कूल खुलेंगे. अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए एकलव्य स्कूल शुरू किए जाएंगे.
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है. अरूण जेटली ने कहा है कि क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन लीगल नहीं है और अब सरकार इस पर शिकंजा कसने की तैयारी कर चुकी है.