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प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2000 से पहले बने झोपड़ों को 2022 तक फ्लैट देने की तैयारी

मुंबई, 15 जनवरी, (हि. स.)। पालघर के वसई विरार मनपा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2000 से पहले बने झोपड़ों को 2022 तक फ्लैट मुहैया कराए जाने की तैयारी है। वसई विरार में चल रहे प्रधानमंत्री आवास योजना सर्वे से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अब तक 121 स्लम एरिया का सर्वे हो चुका है, जिसमें 69 हजार परिवार रहते हैं। इसमें से 57 स्लम एरिया को फाइनल किया गया है। यहां 37 हजार परिवारों के रहने का आंकड़ा मिला है।

इसकी कागजी पात्रता की जांच की जा रही है। इस योजना के अनुसार सन 2000 से पहले के बने झोपड़े और चॉल वैध होंगे। निर्माण अवधि से हाउस टैक्स भरने की रसीद, घर का एग्रीमेंट के साथ लाइट बिल और राशन कार्ड जैसे जरूरी कागजात होने जरूरी हैं। झोपड़ा धारक या चॉल में रूम धारक को ही पात्र मानकर उनके पेपर को प्रधानमंत्री आवास योजना के वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। कागजातों की जांच के बाद वैध-अवैध का निर्णय हो सकेगा। फिलहाल इस योजना में अबतक फाइनल हुए घरों की कागजात की जांच चल रहा है। अधिकारी ने बताया कि इस योजना में इमारत का काम पी.पी.पी. मॉडल पर बिल्डर द्वारा टेंडर देकर कराया जाएगा।

घर के बदले घर मिलेगा या इस पर और पैसे झोपड़ा धारकों को देने होंगे, इस पर अंतिम निर्णय नहीं हो सका है। इस योजना में 1 लाख केंद्र सरकार और 1 लाख राज्य सरकार का अनुदान दिया जायेगा। इस योजना में बिल्डर को प्राइम लोकेशन के प्लॉट की जगह निशुल्क में मिलेगी और उन्हें झोपड़ा धारकों या चॉल में घर वालों को इमारत में फ्लैट देने पर एक्स्ट्रा एफएसआई दी जाएगी।

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