पुलिस हिरासत में उत्पीड़न के खिलाफ कड़े नियम बनाने की याचिका खारिज
नई दिल्ली, 27 नवम्बर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस हिरासत में आरोपियों के उत्पीड़न के खिलाफ कड़े नियम बनाने की मांग करनेवाली याचिका खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि कानून बनाना हमारा काम नहीं है।
याचिकाकर्ता और पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने याचिका दायर कर मांग की थी कि हिरासत में उत्पीड़न के खिलाफ कड़े कानून बनाने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए। सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम सरकार की राजनीतिक बाध्यताओं का सम्मान करते हैं और कुछ भी करने के लिए उन पर दबाव नहीं डाल सकते हैं।
जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने पिछले 15 सितंबर को हिरासत में हिंसा पर चिंता जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि सूचना हासिल करने के लिए हिरासत में थर्ड डिग्री का इस्तेमाल मनोवैज्ञानिक हिंसा का रुप है। इससे निपटने के लिए जेल सुधार की जरुरत है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि वे स्वत: संज्ञान लेकर उन कैदियों के नजदीकी रिश्तेदारों का पता करें जिनकी मौत नेशनल क्राईम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक 2012 से लेकर 2015 के बीच अस्वाभाविक रुप से हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने उन पीड़ितों को उचित मुआवजा दिलाने का भी निर्देश सभी हाईकोर्ट को दिया था।