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पीएम मोदी के इरादे नहीं नेक, मूल समस्या पर नहीं दे हैं ध्यान : राहुल गांधी

चंद्रपुर (ईएमएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपना हमला तेज करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि मोदी के इरादे नेक नहीं हैं और किसानों की समस्याओं को दूर करने के बदले वह अपने उद्योगपति मित्रों की मदद कर रहे हैं। राहुल ने आरोप लगाया कि बेरोजगारी, कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे वास्तविक मुद्दों पर ध्यान देने के बदले मोदी योग, स्वच्छ भारत मिशन और लोगों को आपस में लड़ाने में व्यस्त हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैंकों का करोड़ों रूपया नीरव मोदी और अपने अन्य दोस्तों को दे रहे हैं… बैंकों से 35,000 करोड़ रुपये लेने के बाद नीरव मोदी ने कितने लोगों को रोजगार दिया? उन्होंने कहा कि अगर दादाजी खोबरागड़े को केवल पांच करोड़ रुपये दिए गए होते तो वह पांच हजार नौकरियां पैदा हो जाती।

जिनके पास ज्ञान है,जो लोग रोज कठोर मेहनत करते हैं,उन्हें सरकार से मदद नहीं मिलती…उन्होंने कहा कि बैंकों का पैसा किसानों, छोटे कारोबारियों और शोधकर्ताओं को दिया जाना चाहिए था जो रोजगार के अधिक अवसर पैदा करते। राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी बैंकों के पैसे का इस्तेमाल अपने 15 से 20 उद्योगपतियों दोस्तों के ऋण माफ करने और उनकी जेब भरने के लिए कर रहे हैं। नीरव मोदी 35,000 करोड़ रुपये लेकर भाग गया.संप्रग सरकार ने यह राशि मनरेगा में दी थी। प्रधानमंत्री ने अपने किसी भी वायदे को पूरा नहीं किया क्योंकि उनके इरादे नेक नहीं हैं। राहुल ने आरोप लगाया कि इस सरकार के चार साल बीत गए हैं और युवा ठगा महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश के नेता को लोगों को रास्ता दिखाना होता है और उनमें विश्वास की भावना पैदा करनी होती है..यदि प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के इरादे साफ हों तो लोगों के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। इस मौके पर महाराष्ट्र के सबसे ज्वलंत मुददे किसानों की आत्महत्या के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में राहुल गांधी ने कहा,मैं उन लोगों की मदद करना चाहता हूं जिन्हें बहुत पहले भुला दिया गया है। आज, हमारे किसान मुसीबत में और परेशान हैं। जनसभा से पहले,राहुल ने खोबरागड़े के परिजनों से मुलाकात की और उनकी उपलब्धियों के प्रति देश की उदासीनता के लिए उनसे माफ़ी मांगी। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि खोबरागड़े ने क्रांतिकारी एचएमटी किस्म की धान का आविष्कार किया था। लेकिन वह लगभग गुमनामी में रहे और अभाव में ही उनकी मृत्यु हो गई। राहुल गांधी ने इस बारे में ट्वीट भी किया। लंबी बीमारी के बाद इस महीने की शुरूआत में 78 वर्षीय दादाजी खोबरागड़े की मौत हो गयी।

इस दौरान कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत,वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश,पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख अशोक चव्हाण और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे-पाटिल इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ थे। चव्हाण ने कहा कि दादाजी ने चावल की 11 किस्मों का विकास किया। हालांकि,उनमें से कोई भी पेटेंट नहीं किया गया है। उनके परिवार को कांग्रेस द्वारा 2.5 लाख रुपये और राधाकृष्ण विखे पाटिल द्वारा 5 लाख रुपये का चेक खोबरागड़े के परिजनों को सौंपे गए।

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