पिथौरागढ़, 03 जुलाई : धारचूला के हाट गांव से लगभग 300 मीटर की ऊंचाई पर सोमवार की सुबह बादल फटने से हुए भूस्खलन से हाट गांव में एक मकान ध्वस्त हो गया और पांच मकान खतरे में आ गए हैं। इन परिवारों को अन्यत्र शिफ्ट कर दिया है।
ध्वस्त हुए मकान में एक निजी स्कूल संचालित होता है। हादसे के वक्त स्कूल बंद था, इसिलए बड़ा हादसा टल गया। भूस्खलन के मलबे की चपेट में आने से घौलीगगा हाइड्रो प्रोजेक्ट से ग्रिड तक जुड़ी लाइन का एक टावर भी आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है।
धारचूला क्षेत्र में रविवार को रातभर जारी रही बारिश सुबह थम गई। इसके बाद धारचूला नगर से लगभग दो किमी दूर हाट गांव क्षेत्र में कुछ देर तेज बारिश हुई। ग्रामीणों के अनुसार इस दौरान गांव से लगभग 300 मीटर ऊंचाई पर पहाड़ पर तेज आवाज हुई और पानी की धारा फूट पड़ी (बादल फटा)।
पानी के साथ मलबा आने से गाव का कन्याल भवन मलबे की चपेट आकर ध्वस्त हो गया। गनीमत रही कि ऊपर से आया पूरा मलबा गांव और टनकपुर तवाघाट हाईवे तक नहीं पहुंचा अन्यथा भारी नुकसान हो सकता था। सड़क पर आए मलबे को प्रशासन ने हटा दिया है। साथ ही प्रशासन ने क्षेत्र की दुकाने बंद करा दी है। घटना के बाद से ग्रामीण दहशत में है। राजस्व दल और पुलिस टीम गांव में पहुंची गई है।
वहीं, बादल फटने से क्षतिग्रस्त हुए मकान में एक निजी पब्लिक स्कूल को संचालित किया जाता है। इसमें ध्वस्त हुए दो कमरो में 40 बच्चे बैठते हैं। स्कूल सुबह सात बजे खुलता है। घटना सुबह साढ़े छह बजे की है। इसलिए जिस वक्त भवन ध्वस्त हुआ, उस वक्त भवन में बच्चे नहीं थे। मकान मालिक गौतम कन्याल की सक्रियता से भी जानमाल की हानि नहीं हुई। पहाड़ की तरफ से मलबा और पानी आते देख उन्होंने अपने परिवार समेत पांच अन्य परिवारों के लोगों को घरों से बाहर निकाल लिया था।