पालघर लोकसभा चुनाव 2019 : चुनाव चिन्ह को लेकर बविआ फसी धर्म संकट में, बविआ से घबराई शिवसेना, वोट कटवा पार्टी को उतारा बविआ के खिलाफ मैदान में
संजय सिंह ठाकुर ,पालघर,3 अप्रैल : मुंबई से सटे पालघर जिला के पालघर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही बविआ का चुनाव चिन्ह सिटी छिनने से उसके सामने चुनाव चिन्ह को लेकर धर्मसंकट पैदा हो गया है।अब बविआ किस चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ती है यह देखना काफी दिलचस्प होगा।हालाँकि की चुनाव चिन्ह छिनने के बाद बविआ के नेता अपने गठबंधन के सहयोगी पार्टियों के साथ अगली चुनावी रणनीति को लेकर मंथन में जुटे हुए है .
बात दे कि पालघर लोकसभा सीट पर 29 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव में पालघर लोकसभा सिट से पहली बार चुनाव लड़ रही ‘’बहुजन महा पार्टी’’ नामक पार्टी द्वारा सिटी चुनाव चिन्ह पर दावा करने के बाद बहुजन विकास आघाडी के सामने चुनाव चिन्ह को लेकर एक धर्म संकट पैदा हो गया है। बहुजन विकास आघाडी काफी सालों से सिटी चुनाव चिन्ह पर लोकसभा ,विधानसभा , महानगरपालिका ,नगरपालिका व अन्य चुनाव लड़ते आरही है । पालघर जिला में सिटी चुनाव चिन्ह बविआ की पहचान बन चुकी है। ऐसे में यह चुनाव चिन्ह छिनना बविआ के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है .जिसे देखते बहुजन विकास आघाडी के सामने चुनाव चिन्ह को लेकर एक बड़ा चैलेंज निर्माण हो गया है ।
वही बविआ की विरोधी पार्टियों और पालघर की जनता की नजर अब बविआ पर टिकी हुई है कि बविआ अब किस चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ती है।जबकि ‘’बहुजन महा पार्टी’’ को चुनाव आयोग की तरफ से पहले चुनाव निशान मिला हुवा है .
बताया जा रहा है कि बहुजन महा पार्टी को शिवसेना के नेताओ ने मैदान में उतारा है ताकि यह पार्टी बविआ का वोट काट सके और इसका फायदा शिवसेना ,BJP ,RPI गठबंधन को हो सके।
रामविलास पासवान का चुनाव चिन्ह रेल इंजन आ चुका है मनसे के खाते में……….
हालाँकि की चुनाव चिन्ह छिनने को लेकर देखा जाय तो यह कोई पहला मामला नही है. इसके पहले भी रामविलास पासवान रेल के इंजन के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा करते थे । लेकिन बाद में यह चुनाव चिन्ह मनसे के खाते में चला गया।जिसके बाद उन्हें दूसरा चुनाव चिन्ह लेना पड़ा .
बविआ से घबराई शिवसेना बविआ वोट कटवा पार्टी को मैदान में उतारा है………
सिटी चुनाव चिन्ह छिनने को लेकर जब kbn10 News ने बविआ के अध्यक्ष व बिधायक हितेंद्र ठाकुर व उनकी पार्टी के नेताओ से बात किया तो उनका कहना था कि इस चुनाव चिन्ह के जाने से हमे कुछ फर्क नही पड़ता हमारी पहचान बविआ है। और अब हमारे कार्यकर्ता और जोर शोर से काम करेंगे ।
साथ ही उन्हों ने कहा कि आप इससे अंदाजा लगा सकते है कि शिवसेना अभी से किस कदर बविआ से घबरा गई है और उसे अपनी हार सामने दिखाई देने लगी है इस लिए शिवसेना के नेताओ ने बविआ का वोट काटने के लिए इस नई वोट कटवा पार्टी को सिटी के चुनाच चिन्ह पर मैदान में उतारा है।लेकिन इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है,लोकतंत्र में चुनाव लड़ने का सबको अधिकार है और इसका जबाब पालघर की जनता देगी .
वही अगर सूत्रों की माने तो बविआ आघाडी अपने सहयोगी पार्टियों के साथ मिलकर शिवसेना को कड़ा जबाब देने की तैयारी में जुटी हुई है। और वह नए उम्मीदवार और नए चुनाव चिन्ह के साथ मैदान में उतरेगी । चुनाव चिन्ह को लेकर जो बातें छन छन कर आरही है अगर उन बातों की माने तो बविआ अपने किसी सहयोगी पार्टी के चुनाव निशान पर भी चुनाव लड़ सकती है।
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