पालघर में एक कफन के लिए तरसती लाश . शर्मशार हुयी इंसानियत .
केशव भूमि नेटवर्क = अभी एक हफ्ता पहले उड़ीसा से अलग – अलग शव ले जाते दो तस्वीरे सामने आयी थी जिसमे सरकार की काफी किरकिरी हो रही हैं, वही मुंबई से सटे पालघर जिला के पालघर में इंसानियत को शर्मसार करने वाली ऐसी एक तस्वीर सामने आयी जंहा एक शव कफ़न के लिए तरसता रहा .
बताया जा रहा है की पालघर में रविवार को कचेरी रोड पर स्तिथ नील होटल के पास पुलिस को एक लावारिश शव मिला था . जिसे पालघर पुलिस पालघर सरकारी अस्पताल में लेकर आयी और डॉक्टर ने चेक करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया . पालघर पुलिस इस शव को उसी हालत में छोड़ कर किसी काम से बाहर चली गयी .यह शव कई घंटे तक अस्पताल में ऐसे पड़ा रहा , लेकिन इस शव को ओढ़ाने के लिए अस्पताल में कपड़ा नहीं था। जिसके कारण उस शव को बोरी से ढका गया था .
इस घटना को लेकर जब पालघर सरकारी अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ . दिनकर देवजी गावित से बात की तो उनका कहना था की अस्पताल के पास कपड़ा था , लेकिन पुलिस ने शव पर बोरी डाल कर लाया था हमने बोरी नहीं डाला था. और वह खुद इस घटना को गलत मान रहे है .सवाल उठता है यह गलत है तो इसे ठीक कौन करेगा .
वही इस घटना को लेकर पालघर पुलिस पर लग रहे आरोप को देखते हुए जब हमने पुलिस अधिकारियो से बात की तो उनका कहना था की हमें जब लाश मिली तो वह पूरी तरह नंगी थी इसलिए हमारे लोग उसके ऊपर बोरी डाल कर अस्पताल ले गए , जब डॉक्टर ने इस लाश को चेक करके उसे मृत घोषित किया तब उन्होंने उसे देखा था , उस दरमियान उस पर कपड़ा डालना अस्पताल वालो की जिम्मेदारी है . आज किस हालत में हम लोग काम करते है वह हमें पता है अगर कोई शव मिलता है तो उसे अस्पतालों तक लाने के लिए इन अस्पतालों के पास शव वाहक नहीं है न हीं हमें उसे लाने के लिए समय पर कोई एम्बुलेंस मिलती है .
जब की स्थानिक लोगो का कहना है हम कई बार इन अस्पतालों की दुर्दशा को लेकर शिकायत की लेकिन उसका कुछ फायदा नहीं हुआ . यह पालघर जिला के मुख्य सरकारी अस्पताल की हालत है जंहा जिला के इन अस्पतालों के आला अधिकारी बैठते है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की जिला के बाकी अस्पतालों की क्या हालत होगी .हालांकि इस शव का कोई वारिस नहीं मिलने के कारण पुलिस ने इसका अंतिम संस्कार कर दिया .