पानप के तत्कालीन मुख्याधिकारी वैभव अवारे समेत चार लोगों पर पालघर पुलिस स्टेशन में मामला हुवा दर्ज , सरकारी खजाने से एक सडक निर्माण के निकाले थे दो बार पैसे
केशव भूमि नेटवर्क , पालघर,17 सितम्बर : मुंबई से सटे पालघर जिला के पालघर कोर्ट के आदेश के बाद पालघर नगरपरिषद (#Palghar Nagarparishad ) के तत्कालीन मुख्याधिकारी वैभव अवारे( #CoVaibhav aware ) और ठेकेदार एबी गोबिंदु समेत चार लोगों पर IPC के कई धरावो के तहत पालघर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुवा है .
मिली जानकारी के अनुसार 2013 -2014 में प्रभाग क्र .25 मोह्पाड़ा में सार्वजानिक बोरिंग से लेकर प्रल्हाद भुकटे के घर तक और शिंदे के घर से लेकर शंकर डोंगरेकर के घर तक सीमेंट की दो पक्की सडक (कंक्रीट) के निर्माण के लिए टेंडर निकाला था . जिसके बाद नगर परिषद ने इस सडक के निर्माण का काम ठेकेदार ए .बी .व्ही .गोविंदु को दिया .इन दोनों सडको के निर्माण का खर्च करीब 5 लाख रुपया था . इस प्रकार दो बार में इस सडक निर्माण के करीब 10 लाख रूपये सरकारी खजाने से निकाला था .
लेकिन सडक निर्माण के बाद पालघर नगर परिषद् के तत्कालीन सी.ओ. वैभव आवारे व अन्य अधिकरियो के साथ साठ गाठ करके ठेकेदार ए .बी .व्ही .गोविंदु ने इन दोनों सडको का पहले 26 मार्च 2014 को करीब 5 लाख का बिल चेक क्र .036335 निकला . उसके बाद फिर से 10 अप्रैल 2014 को इस ठेकेदार ने इन्ही दोनों सडको का दुबारा बिल चेक क्र .036343 निकाला , इस प्रकार दो बार में इस सडक निर्माण के करीब 10 लाख रूपये सरकारी खजाने से निकाला था .
इस घोटाले को संज्ञान में लेते हुए शिवसेना के गट अध्यक्ष व नगरसेवक कैलास म्हात्रे ने तुरंत, पालघर के कलेक्टर,जिला प्रकल्प अधिकारी व नगरपालिका प्रशासन को कई बार पत्र लिखकर इस मामले पर कार्यवाई करने का मांग किया था, लेकिन बार –बार शिकायत करने के बाद जब इन अधिकारियो ने कुछ कार्यवाई नहीं किया.
जिसके बाद मजबूरन कैलास म्हात्रे को मुंबई हाईकोर्ट और पालघर कोर्ट का दरवाजा खट खटाना पड़ा और ढाई साल की लम्बी लडाई और काफी संघर्ष के बाद आखिर पालघर कोर्ट ने मुख्याधिकारी वैभव अवारे ,संतोष जोशी ,बालकृष्ण जाधव , इंजिनियर प्रेमचंद मिश्रा और ठेकेदार ए .बी .व्ही .गोविंदु के खिलाफ पालघर पुलिस को मामला दर्ज करने का आदेश दिया . इस आदेश के बाद पालघर पुलिस ने इनके खिलाफ IPC की धारा 465 ,466 ,420 ,409 ,120 बी के तहत मामला दर्ज कर लिया .हालाँकि इंजिनियर प्रेमचंद मिश्रा का मामला अभी भी कोर्ट के अधीन है .