नाशिक में 187 बच्चों की मौत, नाशिक की तुलना गोरखपुर से न की जाए: मुख्यमंत्री
मुंबई, 09 सितम्बर : नाशिक जिला अस्पताल में पांच माह में 187 बच्चों की मौत होने का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इस मामले की तुलना उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुई बच्चों की मौत से की जा रही है। इस पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि नाशिक और गोरखपुर की घटना की तुलना नहीं की जानी चाहिए। पिछले वर्ष कितनी मौतें हुई हैं, उससे तुलना की जानी चाहिए।
नाशिक जिला अस्पताल में पांच महीने में जो 187 बच्चों की मौतें हुई हैं, वह इस प्रकार है। अप्रैल महीने में 32, मई में 39, जून में 25, जुलाई में 36 और अगस्त में 55 मौतें हुई हैं। इन मौतों को लेकर जब पत्रकारों ने कहा कि इसकी तुलना उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुई मौतों से क्यों न की जाए? इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि नाशिक और गोरखपुर की घटना की तुलना करना बिल्कुल गलत है।
पत्रकारों द्वारा इस मामले को सामने लाए जाने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना को वे गंभीरता से देख रहे हैं। इस मामले में जो आवश्यक होगा, वह कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि देश में नवजात बच्चों की मौत का आंकड़ा हजार पर चालीस है। नाशिक में यह डेढ़ सौ के उपर गया है। इसलिए नाशिक जिला बदनाम हो गया है।
जिस अतिदक्षता विभाग में केवल 18 बच्चों को रखने की व्यवस्था है, वहां पर 52 बच्चों को रखकर उनका इलाज किया जा रहा है। लाखों रुपये खर्च करके प्राइवेट अस्पतालों में बच्चों का इलाज करवा पाना संभव नहीं होता है, इसलिए इलाज के अभाव में बच्चे दम तोड़ देते हैं। जिला अस्पताल के अतिदक्षता विभाग के विस्तार के लिए 21 करोड़ की निधि वर्ष भर से प्रलंबित पड़ी है, पर वृक्षों को काटने की अनुमति न मिलने से कार्य प्रगति पर नहीं जा पा रहा है।