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नाशिक में कचरे से बिजली बनाने का काम बुधवार से होगा शुरू

मुंबई, 28 नवम्बर : जर्मनी सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत जर्मनी सरकार व भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में नाशिक शहर में कचरे से बिजली बनाने का केंद्र बुधवार, 29 नवम्बर से शुरू होने जा रहा है। इस कार्य में जीआय जेड जर्मनी द्वारा तांत्रिक व आर्थिक सहयोग किया जाएगा। उद्घाटन समारोह में जिले के पालकमंत्री गिरीश महाजन के साथ जर्मनी कंपनी के अधिकारी मौजूद रहेंगे।

बिजली बनाने के केंद्र के माध्यम से प्रतिदिन 15 से 20 मीट्रिक टन गीला कचरा और 10 से 15 मीट्रिक टन सार्वजनिक शौचालय का मल जल जमा होता है। ऐसे में कुल 30 मीट्रिक टन कचरे पर प्रक्रिया कर बायोगैस/मिथेन गैस तैयार करके बिजली बनाने का कार्य इस केंद्र से शुरू किया जाएगा। इस केंद्र के निर्माण कार्य पर 8.2 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसमें से जी आय जेड जर्मनी द्वारा मनपा को 6.80 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। शेष 1.22 करोड़ रुपये का खर्च केंद्र का निर्माण करने वाली कंपनी द्वारा किया गया है। 

केंद्र शुरू करने के लिए मनपा ने पूंजी नहीं लगाई है। केवल छह हजार चौ. मीटर जगह खाद प्रकल्प के नजदीक उपलब्ध करवाई है। 

केंद्र का निर्माण मेसर्स विल्होली मैनेजमेंट प्रा लि द्वारा किया गया है। 10 सालों तक यह कंपनी केंद्र को चलाते हुए देखभाल करेगी, साथ ही केंद्र के लिए आवश्यक गीला कचरा और मलजल यातायात की जिम्मेदारी निभाएगी। इस कार्य के लिए मनपा कंपनी को प्रति माह 4.95 लाख रुपये अदा करेगी। यह कंपनी वेस्ट टू एनर्जी केंद्र से बिजली बनाकर कर मनपा को प्रति माह 99 हजार यूनिट बिजली की आपूर्ति करेगी। यहां पर तैयार होने वाली बिजली महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी के पावर ग्रीड से जोड़ी जाएगी, जितनी बिजली पावर ग्रीड को दी जाएगी उतनी बिजली में मनपा को अन्य मार्ग से छूट दी जाएगी। (हि.स.)।

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