जयपुर, 23 नवम्बर : फिल्म पद्मावती को लेकर अब निर्देशक संजय लीला भंसाली ने नया विवाद छेड़ दिया है। अभी फिल्म पर कुछ राज्यों मे बैन लगने के बाद कुछ माहौल शांत हुआ था लेकिन संजय लीला भंसाली के इस कार्ड से एक बार फिर राजपूत समाज भड़क उठा है। राजपूत समाज ने साफ किया है कि फिल्म देश के बाहर भी रिलीज नहीं होने दी जाएगी। सूत्रो की माने तो इस मामले में निर्देशक संजय लीला भंसाली खुद भारतीय सेंसर बोर्ड की स्वीकृति के इंतजार में है इसके बाद वह फिल्म भारत के अलावा दूसरे देशों में रिलीज करेंगे।
दरअसल ब्रिटिश बोर्ड ऑफ फिल्म क्लासिफिकेशन ने गुरुवार को बॉलीवुड फिल्म पद्मावती की रिलीज को हरी झंडी दिखा दी है। उसने निर्देश दिया है कि यूनाइडेट किंगडम यूके में बिना किसी काट-छाट के रिलीज होगी। उसे अनसेंसर्ड तरीके से ही रिलीज किया जाएगा यह फिल्म 1 दिसम्बर को वहां दिखाई जाएगी।
भारत में इस फिल्म को लेकर राजपूत समाज की कड़ी आपत्ति है। फिल्म में रानी पद्मिनी के गलत चित्रण और अलाद्दीन खिलजी के महिमामंडन का राजपूत के साथ बाकी समाज विरोध कर रहा है। राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश सरकार ने भी फिल्म को रिलीज नहीं करने के लिए कहा है।
करणी सेना ने बरती ढिलाई
इधर, करणी सेना ने अब अपनी विरोध में थोड़ी ढिलाई बरती है अभी तक फिल्म देखे बिना इसे रिलीज न होने देने की धमकी देने वाली श्री राजपूत करणी सेना ने कहा कि उन्हें न सही तो यह फिल्म मेवाड़ के महाराजाओं को दिखा दी जाए। करणी सेना इस फिल्म की शूटिंग के समय से ही भंसाली के विरोध में रही है जिसके बाद अब रिलीज से पहले हुए देशभर में विरोध के बाद इस फिल्म की 1 दिसम्बर को रिलीजिंग डेट टाल दी गई थी।
बच्चों की पुस्तकें में गलत जानकारी: राजपूत करणी सेना सहित दूसरे संगठन अब चितौडग़ढ महल से भी अलाउद्दीन खिलजी का नाम हटाने की मांग कर रहे है इसके साथ रानी पद्मिनी को शीशे से दिखाए जाने वाले पट्ट को हटाने की मांग कर रहे है तो दूसरी तरफ इतिहास में भी वो ही काल्पनिक बात पढ़ाई जा रही है। जिसमें ये बताया गया है पद्मिनी को पाने के लिए अलाउद्दीन खिलजी ने चितौड़ पर आक्रमण किया था और खिलजी ने शीशे में पद्मिनी की झलक देखी थी। (हि.स.)।