दो दिन से नहीं निकला सूरज, आफत बनी ठंड
गोरखपुर, 18 दिसम्बर (हि.स.)। पिछले दो दिनों से बादलों के बीच लुका-छिपी का खेल खेल रहे भगवान भास्कर ने ठंड को बढ़ा दिया है। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बड़े, बूढ़े और बच्चों के साथ महिलाओं को भी दिक्कतें होने लगी हैं। हालांकि बढ़ी ठंड ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी है। उनमें अपनी गेहूं की अच्छी पैदावार होने की आशा जग गयी है।
पिछले दो दिनों से मौसम में परिवर्तन का रुख है। गलन और ठंड ने अपने असली रूप को दिखाना शुरू कर दिया है। इससे पूर्वांचल के गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर और महराजगंज जिलों के लोग परेशानी ने पड़ने लगे हैं। सामान्य दैनिक जीवन चर्या बुरी तरह प्रभावित है। बच्चों को तैयार करने को भोर में जगाने वाली माताओं के सुबह 7 बजे तक बिस्तर छोड़ने से उन्हें स्कूल का टिफिन ले जाने से वंचित होना पड़ रहा है तो ऑफिस जाने वालों की तकलीफें भी कम नहीं हैं।
खुश हैं किसान, गेहूं की अच्छी होगी पैदावार
खेती किसानी में जुटे किसान भी अपने पशुओं को देर से चार देने को उठाने लगे हैं। या बात अलग है कि किसान अपनी गेहूं की फसल की अच्छी पैदावार को लेकर आशान्वित हैं। उन्हें लगाने लगा है ठंड बढ़ाने से बालियां बड़ी होगी और दाने भी स्वस्थ होंगे।
गेहूं की फसल के लिए जरूरी है यह तापमान
कृषि वैज्ञानिक डॉ. आदित्य प्रकाश की मानें तो गेहूं की खेती के लिए सम-शीतोषण जलवायु की आवश्यकता होती है। इसकी खेती के लिए अनुकूल तापमान की अनुकूलता जरूरी है। बुवाई के समय 20-25 डिग्री सेंटीग्रेट रहता है। गेहूं की खेती मुख्यत सिंचाई पर आधारित है। इससे तापमान को फसल के अनुकूल बनाये रखने में मदद मिलती है। बुआई के बाद अच्छी पैदावार के लिए रात का तापमान भी बहुत कम नहीं होना चाहिए। इस समय मौसम का बदला मिजाज गेहूं की खेती के अनुकूल बनता जा रहा है।