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दूसरे विश्वयुद्ध का 226 किलो वजनी जिंदा बम के डर से शहर को कराया गया खाली.

हेनोवर, 07 मई := दूसरे विश्व युद्ध के समय के  मिले 226 किलो वजनी जिंदा  बमों को निष्क्रिय करने के लिए रविवार को जर्मनी के हेनोवर शहर को खाली कराया जा रहा है। करीब 50 हज़ार लोगों को सुरक्षित निकाल कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिली।

उल्लेखनीय है कि जर्मनी के इतिहास में इस तरह का यह दूसरा सबसे बड़ा अभियान है, जिससे शहर की जनसंख्या का दसवां हिस्सा प्रभावित हुआ है। ख़ाली कराई जा रही इमारतों में सात अस्पताल, एक क्लानिक और एक टायर प्लांट भी शामिल हैं।बीबीसी के अनुसार, अधिकारियों को उम्मीद हैं कि जिन लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है वे प्रक्रिया ख़त्म होने के बाद शाम तक वापस लौट पाएंगे। लोगों से इलाक़ा ख़ाली करवाने का काम स्थानीय समयानुसार सुबह 9 बजे शुरू हो गया। लोगों से ज़रुरत के सामान जैसे दवाएं साथ ले जाने और गैस चूल्हे और बिजली के उपकरण बंद करने के लिए कहा गया है।

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स्थानीय ख़बरों के मुताबिक़ रेल सेवाओं में भी दोपहर तक देरी हो सकती है। निकाले गए लोगों के समय के सदुपयोग के लिए शहर में म्यूज़ियम टूर, बच्चों की फिल्मों और खेल के आयोजनों का इंतज़ाम किया गया है।जर्मनी की समचार एजेंसी डीपीए के अनुसार लोगों के लिए बड़ी मात्रा में सूप तैयार करवाया गया है। विदित हो कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान गठबंधन सेना के विमानों ने हेनोवर शहर पर भारी बमबारी की थी जिसमें हज़ारों लोग मारे गए थे और शहर बुरी तरह तबाह हो गया था। 9 अक्टूबर, 1943 की रात सबसे ख़तरनाक थी। 2 लाख 61 बमों की वजह से 1245 लोग मारे गए थे और ढाई लाख लोग बेघर हो गए थे।
पिछले साल क्रिसमस के दिन ऑसबर्ग में बमों को निष्क्रिय करने के लिए लोगों को निकालने का सबसे बड़ा अभियान चलाया गया था, क्योंकि एक इमारत के निर्माण कार्य के दौरान 3.8 टन बमों का पता चलने के बाद 54 हज़ार लोगों को निकाला गया था। (हि.स.)।

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