बिहार ,पटना, सनाउल हक़ चंचल-13 जून : समस्तीपुर जयमाल के लिए पहुंची दुल्हन ने जैसे ही दूल्हे को देखा उसके गले में बरमाला डालने से इंकार कर दिया। परिवार की महिलाओं के दबाव में आकर उसने वरमाला डाली लेकिन शादी करने से इंकार करते हुए मंडप छोड़कर आत्महत्या की धमकी देने लगी और घर छोड़कर चली गई।
मंडप पर बैठा दूल्हा इंतजार करता रहा, दुल्हन का पता-ठिकाना नहीं था, साथ ही दुल्हन के माता-पिता भी बेटी को खोजते रहे। जब रातभर दुल्हन नहीं मिली तो दूल्हा बैरंग बरात लेकर वापस लौट आया।
घटना समस्तीपुर थाना के लालपुर गांव की है जहां रविवार की रात उस समय अजीबो -गरीब स्थिति बन गई जब बरात सजाकर आया दूल्हा से दुल्हन ने फेरे लेने से इन्कार कर दिया। घंटों बाद-विवाद एवं प्रयास के बावजूद बात नहीं बनी और बरात संग दूल्हा को भी बगैर दुल्हन ही लौटना पड़ा।
लालपुर निवासी रामचन्द्र महतो की पुत्री की शादी रोसड़ा के बाधेपुर के अखिलेश महतो के पुत्र सुजीत कुमार के साथ तय हुई थी। शादी के लिए निर्धारित समय रविवार को करीब 11 बजे रात में दरवाजा लगा। बैंड बाजे तथा डीजे साउंड के बीच ग्रामीणों ने बरातियों का भव्य स्वागत किया गया।
बारातियों के नाश्ता के पश्चात जयमाल की रस्म शुरू हुई। पंडाल में बने स्टेज पर सहेलियों के साथ पहुंची दुल्हन ने दूल्हा को देखते ही उसके गले में माला डालने से इन्कार कर दिया। परिवार की महिलाओं के दबाव पर उसने माला तो पहना दिया लेकिन लौटकर घर के अंदर पहुंचते ही शादी से इन्कार कर दिया।
परिजनों द्वारा मान मनौवल पर उसने आत्महत्या की चेतावनी दी और घर से निकल गई। बेटी के पीछे-पीछे उसकी मां एवं पिता भी दौड़ पड़े। इधर सजधज कर तैयार मंडप पर दूल्हा, दुल्हन का इंतजार कर रहा था। करीब 2 घंटे तक दुल्हन के साथ-साथ उसके माता-पिता का भी अता-पता नहीं देख बरातियों एवं लोगों को समझने में देर नहीं लगी।
अंतत: करीब 3 बजे सुबह में दूल्हा खाली हाथ बरात के साथ बाधेपुर की ओर लौट गए। स्थानीय लोगों की मानें तो लड़का का उम्र काफी अधिक होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई। वहीं लड़की के पिता रामचन्द्र महतो ने लड़का की शादी पूर्व में भी होना बताते हुए कहा कि अगुआ बने एक संबंधी द्वारा झांसा में रखकर शादी कराने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन भगवान ने सही समय पर बचा लिया।
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