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डेढ़ महिने की बच्ची को रेलवे स्टेशन पर छोड़कर फरार दंपत्ति को पुलिस ने किया गिरफ्तार
केशव भूमि नेटवर्क = आर्थिक तंगी से परेशान एक दंपत्ति अपने डेढ़ महिने की बच्ची को रेलवे स्टेशन पर छोड़कर फरार हो गए थे. प्लेटफोर्म पर लगे सीसीटीवी की मदद से कल्याण जीआरपी ने बच्ची को छोड़ने वाले उसके माँ बाप की पहचान कर उन्हें हैदराबाद के नंदीग्राम से गिरफ्तार कर लिया है. दोनों ने प्रेम विवाह किया है. कुछ दिनों तक विवाहिता अपने पति के साथ मायके में रही लेकिन मायके वाले ने दोनों को अपना गुजारा खुद करने की सलाह देकर घर से निकाल दिया था.
२८ नवंबर को रेलवे पुलिस की हेल्पलाइन नंबर पर फोन आया था कि खड़वली रेलवे स्टेशन के स्थित प्लेटफोर्म क्रमांक दो पर एक अबोध बच्ची मिनल हीरे नामक महिला को मिली है. सूचना पाते ही कल्याण रेलवे स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक पावले पुलिस , निरीक्षक साठे के नेतृत्व में पुलिस की टीम उपनिरीक्षक मोहिते महिला कर्मचारी दीपाली मुके और वैशाल से पूछताछ करने के बाद डेढ़ महीने की बच्ची को अपने कब्जे में ले लिया. पूछताछ में पता चला की बच्ची को कपडे में अच्छी तरह से बांधकर उसे सुलाया गया था. साथ ही बच्ची के पास दूध से भरे बोतल को भी रखा गया था. बच्ची को तत्काल उपचार के लिए रुक्मिणीबाई मनपा अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद उसे बालकल्याण समिति के आदेश पर डोम्बिवली स्थित जननी आशीष चैरिटेबल ट्रस्ट में भेज दिया गया. इसके बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी. उपायुक्त आम्बुरे ने कहा कि जाँच में पहले खड़वली रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जाँच शुरू हुई. फुटेज में पुलिस को कासरा से सीएसटी लोकल से उतरता हुआ एक दम्पत्ति दिखाई दिया. इसके बाद पुलिस ने खड़वली से कसारा रेलवे स्टेशन के बीच सभी स्टेशन पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जाँच शुरू की .
इस बीच फुटेज में दंपत्ति के आटगाव से ट्रेन में चढ़ते हुए दिखाई दिया. रेलवे पुलिस की टीम ने शहापुर पुलिस की मदद से दम्पत्ति के बारें में जानकारी इकट्ठा करना शुरू कर दिया. जाँच में पता चला कि यह दम्पति १९ नवंबर से यहाँ के एक पोल्ट्री फार्म पर छोटी बच्ची के साथ रह रहा था. साथ ही विवाहिता का मायका आटगाँव में ही है. इसके बाद विवाहिता के घरवालों की खोजबीन की गयी. उसेक घरवालों से पता चला कि विवाहिता सुभद्रा (२१) ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला निवासी गोरख यादव (२६) के साथ तीन वर्ष पहले प्रेम विवाह किया था. शादी के बाद छः महीने तक मायके में रहने के बाद सुभद्रा कपडे व पैसे लेकर बिना बताये पति के साथ घर से निकल गयी थी. इसके बाद दोनों १८ नवंबर को वापस डेढ़ महीने की बच्ची के साथ आटगाँव आये थे, लेकिन सुभद्रा को उसके घरवालों ने स्वीकार करने से इंकार कर दिया था.
इसके बाद दोनों बच्ची के साथ वहीँ एक पोल्ट्री फार्म पर रहे रहे थे. दोनों की पहचान होने के बाद पुलिस ने सुभद्रा के भाई सुशांत से उनका मोबाइल नंबर लेकर उसके सीडीआर, एसडीआर तथा टावर के लोकेशन से उनके बारें में पता लगाया गया. रेलवे पुलिस उपायुक्त रुपाली आम्बुरे ने बताया कि उक्त नंबर पर सर्वाधिक फोन करने वाले उसके मित्र को तलाशा गया. उससे पूछताछ करने के बाद पुलिस की एक टीम हैदराबाद स्थित नंदीग्राम पहुँच दोनों की खोजबीन शूरू कर दी. इसके बाद जाल बिछाकर पुलिस ने बुधवार को नंदीग्राम से गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद दोनों ने बच्ची को प्लेटफोर्म पर छोड़े जाने की बात को स्वीकार कर लिया . उपायुक्त आम्बुरे ने बताया कि आर्थिक तंगी के चलते दंपत्ति ने यह कदम उठाया था