वाशिंगटन, 28 अगस्त : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की साइबर सुरक्षा सलाहकार समिति के सात सदस्यों ने रविवार इस्तीफा दे दिया। यह जानकारी सोमवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सदस्यों ने यह कहते हुए इस्तीफा दिया कि अमेरिकी राष्ट्रपति का साइबर खतरों पर पर्याप्त ध्यान नहीं है।
अमेरिकी पत्रिका फॉर्च्यून के मुताबिक, नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर एडवायजरी काउंसिल के सात सदस्यों (जो नेशनल साइबर सिक्योरिटी का काम भी देखते थे) ने सामूहिक रूप से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया और कहा कि ट्रंप प्रशासन ‘मोरल इंफ्रास्ट्रक्चर’ को कमतर आंक रहा है।
सदस्यों ने साइबर सुरक्षा के प्रति प्रशासन के दृष्टिकोण में खामियों का हवाला दिया है। सामूहिक त्याग पत्र में कहा गया है, “साइबर सुरक्षा की महत्वपूर्ण प्रणालियों पर बढ़ते खतरे पर आपने अपर्याप्त ध्यान दिया, जबकि इस पर सभी अमेरिकी और हमारा लोकतांत्रिक चुनाव भी निर्भर है। ” पत्र में वर्जिनिया के चार्लोटविले में हिंसात्मक प्रदर्शन के बाद नव नाजियों और गोरे अतिवादियों की भर्त्सना करने में ट्रंप की असफलता का भी जिक्र है।
इस्तीफा देने वालों में पूर्व प्रमुख अमेरिकी डाटा वियोषज्ञ डी. जे. पाटिल और पूर्व प्रमुख विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीति क्रिस्टीन डोरगेलो शामिल हैं। दोनों ही ओबामा के शासनकाल में नियुक्त हुए थे।
ट्रंप ने अमेरिकी इंटेलिजेंस कम्युनिटी के उस निष्कर्ष का अनुमोदन नहीं किया था, जिसमें कहा गया था कि रूस ने हैकिंग कर प्रचार माध्यमों से साल, 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप किया।