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जेएमबी आतंकियों से पूछताछ करेगी एसटीएफ की टीम

पकड़े गए आतंकियों में बर्दवान ब्लास्ट का 10 लाख का इनामी आतंकी शामिल

कोलकाता, 07 अगस्त (हि.स.) स्वतंत्रता दिवस से पहले केरल मल्लापुर एवं बेंगलुरु से पकड़े गए जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के तीनों आतंकियों से कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स(एसटीएफ) पूछताछ करेगी। मंगलवार को एसटीएफ की टीम बेंगलुरु रवाना हो गई है। इन आतंकियों के नाम मुनीर शेख उर्फ कौशर(36 साल), अब्दुल करीम उर्फ छोटू(19 साल) तथा मुस्तफिजुर रहमान(37 साल) है। इनमें से अब्दुल करीम उर्फ छोटू मुर्शिदाबाद के एलिजाबाद का रहने वाला है, जबकि मुस्तफिजुर रहमान बीरभूम का निवासी है। 

इन तीन आतंकियों को सोमवार शाम एनआईए की टीम ने गिरफ्तार किया था। इनमें से कौशर बर्दवान ब्लास्ट के मामले वांछित आतंकवादी रहा है। गत 02 अक्टूबर,2014 को बर्दवान में हुए ब्लास्ट के बाद वह बाइक लेकर फरार होने में सफल रहा था। वही उस ब्लास्ट का मास्टरमाइंड माना जाता रहा है और एनआईए की टीम ने उसके सिर पर 10 लाख रुपये का इनाम रखा था। पश्चिम बंगाल से फरार होने के बाद उसने बेंगलुरु के रमाना और कोलर में शरण ली थी। सोमवार शाम उसे रामनगर में एनआईए की टीम ने गिरफ्तार कर लिया था। इसकी सूचना कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स को मिलने के बाद यहां से टीम उससे पूछताछ करने के लिए बेंगलुरु रवाना हो गई है। इस बारे में एसटीएफ के उपायुक्त मुरलीधर शर्मा ने जानकारी दी। 

मुरलीधर शर्मा ने बताया कि कौशर न सिर्फ बर्दवान ब्लास्ट मामले में मुख्य आरोपी रहा है, बल्कि इसी साल 19 जनवरी को बोधगया में हुए विस्फोट के मामले में भी वह मुख्य आरोपियों में से एक है। इनके पास से आईईडी विस्फोटक के नक्शे भी बरामद किए गए हैं। पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि बोधगया में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की मौजूदगी में आईईडी लगाने के मामले में कौशर शामिल रहा है। उसी ने मंदिर परिसर में आईईडी लगाया था। कोलकाता पुलिस के हाथों अप्रैल महीने में गिरफ्तार किए गए 6 आतंकियों से पूछताछ के बाद ही उसके बारे में जानकारी मिल सकी थी। कोलकाता पुलिस ने इन आतंकियों को एनआईए के हवाले कर दिया था, जिसके बाद इनसे गहन पूछताछ की गई थी एवं स्वतंत्रता दिवस से पहले इन्हें गिरफ्तार करना संभव हो सका है।

इस बारे में एसटीएफ के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 2014 में बर्दवान में ब्लास्ट होने के बाद यह सारे आतंकी बंगाल छोड़ कर भागने में सफल रहे थे। लगातार एनआईए और एसटीएफ की टीम इनकी तलाश में जुटी थी लेकिन दक्षिण भारत, केरल आदि राज्यों में छिपकर इन लोगों ने सुरक्षा एजेंसियों को चकमा दिया था। 2014 के बाद 2017 में यह एक बार फिर एक साथ आए थे और म्यांमार में रोहिंग्या आतंकियों की हत्या का बदला लेने के लिए बोधगया में आईईडी विस्फोट की साजिश रच कर उसे अंजाम दिया था। उन्होंने बताया कि इस मामले में कौशर की गिरफ्तारी बड़ी सफलता है। बर्दवान ब्लास्ट के बाद वह मुख्य आरोपी था और उसे पकड़ने के लिए एसटीएफ और केंद्रीय एजेंसियां जमीन आसमान एक की हुई थीं। 

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