पटना, सनाउल हक़ चंचल- पीएमसीएच की क्लिनिकल पैथोलॉजी में महंगी जांच भी मुफ्त में कराई जा सकती है. इसकी सुविधा मरीजों को मिलने लगी है. इस जांच का नाम इलेक्ट्रोफोरेसीस और फैक्टर आठ के नाम से जाना जाता है. इलेक्ट्रोफोरेसीस में हिमोग्लोबिन वैरिएंट की जांच की जाती है. इसमें नार्मल और एबनार्मल हिमोग्लोबिन की जांच की जाती है. इस जांच की जरूरत थैलेसीमिया के मरीजों को पड़ती है.
बाहर में इस जांच के लिए 600 से 700 रुपए खर्च करने पड़ते हैं. वहीं हिमोफिलिया मरीजों के लिए कोगुलोमीटर से फैक्टर आठ की जांच भी मुफ्त में हो रही है. इस जांच से ही पता चलता है कि हिमोफिलिया के मरीज में फैक्टर आठ की क्या स्थिति है. उसे फैक्टर आठ कितना चढ़ाना है. फैक्टर आठ चढ़ाने की जरूरत है भी या नहीं. प्राइवेट में इस जांच के लिए 1000 से 1500 रुपए लिए जाते हैं. लेकिन, पीएमसीएच ये दोनों जांच मुफ्त में हो रही है.
जानकारी के अभाव में मरीज के परिजन बाहर जांच करा लेते हैं, जहां उन्हें पैसे खर्च करने पड़ते हैं. जबकि, पीएमसीएच के क्लिनिकल पैथोलॉजी में यह दोनों जांच मुफ्त में की जाती है. दलाल मरीज या फिर परिजन को गुमराह करके बाहर में जांच कराने के लिए प्रेरित करते हैं. जबकि यह दोनों जांच यहां हो रही है.
उधर पीएमसीएच में दवाओं की कमी जल्द दूर होगी. दवाएं अभी खत्म नहीं हुई हैं. लेकिन, अधिक मात्रा में दवाओं का स्टॉक रखने के लिए टेंडर निकाला गया था. इसके लिए आवेदन गया है. उस आवेदन को जल्द खोलने का निर्देश दिया गया है. निविदा खुलने के बाद कुछ और प्रक्रिया है, जिसे जल्द पूरा कर दवा मंगाई जाएगी. इसके बाद पीएमसीएच के ओपीडी और इंडोर में दवाओं का स्टॉक रहेगा. यह कहना है अधीक्षक डॉ. दीपक टंडन का.
उन्होंने कहा कि फिलहाल इमरजेंसी और इंडोर में दवाओं की प्राथमिकता दी जा रही है. दवा मरीज को मिल भी रही है. अब दवा नर्स या फिर किसी कर्मचारी नहीं, बल्कि मरीज के परिजन को ही दी जा रही है. इसके लिए वार्ड में भी काउंटर खोला गया है, जिससे मरीज को सहूलियत हो और दवा उन्हीं के परिजन को मिले. कपड़ा धुलाई के लिए टेंडर किया गया था.