जस्टिस दलवीर भंडारी की अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में पुनर्नियुक्ति, देशभर में जश्न
नई दिल्ली, 21 नवम्बर (हिस)। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारतीय विधिवेत्ता जस्टिस भंडारी के अंर्तराष्ट्रीय न्यायलय में पुर्ननियुक्ति पर बधाई देते हुए इसे भारत की अंर्तराष्ट्रीय मंच पर एक बड़ी सफलता बताया। स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि आईएफएस सैयद अकबरूद्दीन को भी इसके लिए बधाई देते हुए उनके प्रयासों को सराहा। जस्टिस दलवीर भंडारी दूसरी बार अंर्तराष्ट्रीय न्यायलय में न्यायधीश चुने गए हैं। जस्टिस दलवीर भंडारी का हाल ही मेें कुलभूषण जाधव मामले में अहम रोल रहा। उनकी पुनर्नियुक्ति से देशभर में जश्न का माहौल है|
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर लिखा कि वो जस्टिस दलवीर भंडारी को अंर्तराष्ट्रीय न्यायालय में पुन: नियुक्त होने पर बधाई देती हैं। साथ ही इस पूरे मिशन में लगी विदेश मंत्रालय की टीम भी बधाई की पात्र है| खासकर यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन। उधर, सैयद अकबरूद्दीन ने बताया कि इस चुनाव में उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा में 183 वोट और सुरक्षा परिषद् में 15 वोट मिले। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1945 में स्थापित आईसीजे के लिए भारत की ओर से नामांकित दलवीर भंडारी की टक्कर ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड से थी, लेकिन अंतिम समय में ब्रिटेन ने अपने उम्मीदवार को चुनाव से हटा लिया। न्यायमूर्ति भंडारी मूलत: राजस्थान के जोधपुर से ताल्लुक रखते हैं| इससे पहले वह भारत के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश भी रह चुके हैं।
1 अक्टूबर, 1947 को जन्मे दलवीर भंडारी ने जोधपुर विश्वविद्यालय से मानविकी और कानून में स्नातक किया। 1968 और 1970 के बीच वे राजस्थान उच्च न्यायालय में एक वकील थे और बाद में वे कानून में स्नातकोत्तर करने के लिए छात्रवृत्ति पर संयुक्त राज्य अमरीका गए थे। तीन साल बाद यूएस से पढ़ाई पूरी कर लौटने पर उन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय में अपनी वकालत जारी रखी। संयुक्त राष्ट्र अदालत में नियुक्त होने से पहले, उनके पास 20 साल से अधिक समय तक भारतीय न्यायपालिका के न्यायाधीश के रूप में एक प्रतिष्ठित कैरियर रहा है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में दलवीर भंडारी अपने लोकहित के फैसलों के लिए जाने जाते हैं। पुराने तरीकों से चलनेवाले बूचड़खानों पर रोक, मशीनीकृत बूचड़खानों की शुरूआत, बेघर लोगों के लिए नाइट शेल्टर, बच्चों को अनिवार्य शिक्षा जैसे फैसलों के लिए वो याद किए जाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर जारी बधाई संदेश में कहा, ‘मैं न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के लिए पुन:निर्वाचित होने के लिए बधाई देता हूं। उनका फिर से चुनाव हमारे लिए गौरव का क्षण है।’
प्रधानमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश मंत्रालय एवं राजनयिक मिशनों में कार्यरत उनकी पूरी टीम को उनके अनथक प्रयासों के लिए बधाई, जिसके चलते अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत के न्यायमूर्ति का पुनर्निर्वाचन हो सका। हम संयुक्त राष्ट्र महासभा के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हैं, जिन्होंने भारत के प्रति अपना समर्थन और विश्वास प्रकट किया है।’
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर कहा, ‘वंदे मातरम-अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के लिए चुनाव में भारत की जीत हुई। जय हिन्द।’ एक अन्य ट्वीट में कहा, “न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी को आईसीजे के न्यायाधीश के रूप में पुन:निर्वाचन के लिए बधाई। विदेश मंत्रालय की टीम द्वारा बड़ा प्रयास। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन विशेष बधाई के हकदार हैं।“
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने न्यायाधीश दलवीर भंडारी को बधाई देने के साथ ही इसे विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की राजनयिक सफलता करार देते हुए उन्हें भी बधाई दी है। केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने इसे गर्व करने का समय बताया है।
केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा, “भारत की प्रभावी विदेश कूटनीति की एक और सफलता। अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय में दलवीर भंडारी दोबारा न्यायाधीश बने। इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं सुषमा स्वराज को बधाई और अभिनंदन।“