जगन्नाथ मंदिर के कोष की गायब चाबियों का मुद्दा गर्माया
– राज्यपाल गणेशी लाल ने मंदिर के रत्न भंडार की चाबियां गायब होने पर चिंता जताई
भुवनेश्वर (ईएमएस)। ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल ने भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार (कोष) की चाबियां गायब होने पर चिंता जताई है। राजभवन से जारी बयान में कहा गया कि राज्यपाल गायब हुई चाबियों की पीछे के तथ्य को जानना चाहते हैं। 12वीं शताब्दी में बने इस मंदिर के रत्न भंडार के अंदरूनी कक्ष में बड़ी मात्रा में सोने और चांदी के गहनों के होने का अनुमान है। रत्न भंडार की चाबियों की जिम्मेदारी पुरी के जिला अधिकारी के पास ही होती है लेकिन अप्रैल महीने में उन्हें पता चला कि चाबियां गायब हैं। इसके चलते नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली ओडिशा सरकार ने 4 जून को एक कमिटी गठित की जिसे ओडिशा के रिटायर्ड जस्टिस रघुबर दास लीड कर रहे हैं। इस कमिटी को मामले की जांच कर तीन महीनों के अंदर रिपोर्ट पेश करनी होगी। मंदिर के रेकॉर्ड के अनुसार अंदरूनी कक्ष को आखिरी बार 1985 में खोला गया था।
वहीं बाहरी कक्ष की तीन चाबियां पुरी के राज परिवार के सदस्य जो पीढ़ियों से मंदिर की रखवाली करते आ रहे हैं की कस्टडी में होती है। वहीं मंदिर प्रशासन और पुजारी खजाने की देखरेख करते हैं। अप्रैल में जिला प्रशासन के जरिए चाबियों के गायब होने का मामला सामने आया। पुरी जिला कलेक्टर अरविंद अग्रवाल ने कहा कि हमें आइडिया नहीं है कि रत्न भंडार के अंदरूनी कक्ष की चाबी कहां है। बाहरी कक्ष की चाबियां सुरक्षित हैं। हमने जिला कोष में भी चाबियां ढूंढने की कोशिश की लेकिन हम उसे प्राप्त नहीं कर सके।