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चीन के बल पर कूदने की जुर्रत न करे पाक, मिट जायेगा नामोनिशान : आरके सिन्हा

नई दिल्ली, 26 जुलाई (हि.स)। भाजपा सांसद और हिन्दुस्थान समाचार (बहुभाषी संवाद समिति) के अध्यक्ष आरके सिन्हा ने कारगिल विजय दिवस पर सेना के शौर्य एवं बलिदान को याद किया है। 

आर के सिन्हा ने अपने जारी संदेश में बुधवार को कहा, ‘कारगिल के शहीदों को मेरा कोटि- कोटि नमन! जिस तरह सुनियोजित षड्यंत्र के तहत एक ओर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ लाहौर में सद्भावना बस लेकर गये हमारे प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी से गलबहिंयॉं कर रहे थे और सद्भावना का प्रदर्शन कर रहे थे और दूसरी ओर जनरल परवेज़ मुशर्रफ से कारगिल में पीठ में छुरा भोंकने का कार्य कर रहे थे, उन्हें लगता था कि जैसे पाकिस्तान भारत पर विजय ही प्राप्त कर लेगा। लेकिन, हमारे वीर सैनिकों ने उन्हें एकबार फिर 1971 के ऐतिहासिक पराजय की याद दिला दी। पाकिस्तान अब चीन के बल पर कूदने की जुर्रत न करे वरना इसबार पाकिस्तान का नामोनिशान मिट जायेगा।’ 

दरअसल आज ही के दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को करारी शिकस्त दी थी। इस जंग को 18 वर्ष हो गए हैं। 26 जुलाई, 1999 को ही भारतीय सेना ने कारगिल में तिरंगा फहराया था। तब से हर साल इस दिन को कारगिल विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। ‘ऑपरेशन विजय’ नाम के इस अभियान में 530 भारतीय वीर सपूतों ने अपने प्राण न्यौछावर किए थे।

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में पूरे दो महीने से भी अधिक समय तक चले इस युद्ध में भारतीय थलसेना और वायुसेना ने ‘लाइन ऑफ कंट्रोल’ पार न करने के आदेश के बावजूद अपनी मातृभूमि में घुसे आक्रमणकारियों को मार भगाया था।

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