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चाइल्ड पोर्नोग्राफी रोकने लिए केंद्र सरकार ने उठाया ये कदम

नई दिल्ली, 14 जुलाई : केंद्र सरकार ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी साइट्स की रोकथाम के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया। केंद्र सरकार ने अपने स्टेटस रिपोर्ट में कहा है कि स्कूल बसों में छात्रों को पोर्नोग्राफी साइट्स से रोकना संभव नहीं है क्योंकि स्कूब बसों में जैमर लगाना संभव नहीं है। केंद्र ने कहा कि उसने सीबीएसई से कहा है कि वो स्कूलों में जैमर का इस्तेमाल करे ताकि छात्र मोबाइल पर पोर्न साइट न देख सकें।

पिछली सुनवाई के दौरान साइबर विभाग के महानिदेशक ने सुप्रीम कोर्ट में बताया था कि उन्होंने चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द को ब्लॉक कर दिया है। हालांकि उन्होंने कहा कि रेप और गैंगरेप जैसे शब्दों को ब्लॉक करने में कानूनी दिक्कतें हैं।

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सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा कि वो एक पैनल गठित करने जा रही है जहां कोई व्यक्ति किसी आपत्तिजनक वीडियो के बारे में शिकायत कर सके। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गुगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट को नौटिस जारी कर ये पूछा था कि उनके नेटवर्क का इस्तेमाल कर सायबर अपराध पर नियंत्रण कैसे किया जा सकता है । कोर्ट ने पूछा था कि यौन अपराधों से संबंधित वीडियो सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर कैसे रोके जाएं। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता एनजीओ प्रजावाला के वकील अपर्णा भट्ट ने कहा कि रेप के वीडियो फिल्माए जाते हैं और वो सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर डाल दिए जाते हैं। उन्होंने कोर्ट से इसे इंटरनेट कंपनियों को रोकने के निर्देश देने का आग्रह किया।

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