गांधी जी ने कहा था ‘स्वच्छता ही सेवा’: मंडलायुक्त
कानपुर, 02 अक्टूबर (हि.स.)। 02 अक्टूबर 1869 में आज ही के दिन देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जन्म लिया था। आज का दिन राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जाता है और इसी दिन देश के स्व.प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का भी जन्म दिन है। महात्मा गांधी वह व्यक्ति थे जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिये जीवन भर संघर्ष किया।
गांधी जी छुआ-छूत के घोर विरोधी थे। देश में ‘रघुपति राघव राजा राम’ का हर व्यक्ति उच्चारण करता है क्योंकि यह गीत गांधी जी द्वारा स्वयं गाया जाता था। यह बातें मण्डलायुक्त पी. के. महान्ति ने गांधी जयंती के अवसर पर गांधी जी चित्र के अनावरण के साथ ही स्वर्गीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र का अनावरण करते हुए आयुक्त कार्यालय सभागार में कही।
उन्होंने कहा, गांधी जी सादा जीवन उच्च विचार के अनुयाई थे। वह अहिंसा और सभी धर्मों के लोगों की एकता में बहुत विश्वास रखते थे। गांधी जी ने ही राजनीति में आध्यात्मिकता की शुरुआत की। गांधी जी का कहना था कि “स्वच्छता ही सेवा“ है और हम सभी को गन्दगी को भगाना चाहिए। उन्होंने आतंकवाद को विकास में बाधा डालने वाला बताया है। अतः विकास के मार्ग को अवरुद्ध नहीं होने देना हैं।
मंडलायुक्त ने शास्त्री जी को श्रदांजलि देते हुए कहा, वह बहुत ही सरल और मृदु भाषी थे। वह अपनी सशक्त विचार धारा के प्रति भी जागरूक थे। पाक युद्ध में उन्होंने ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा दिया और जनता से भी आवाहन किया था कि वह किसानों और जवानों को सम्मान दें।
अपर आयुक्त राजाराम ने इस अवसर पर कहा कि गांधी जी भारतीयों के न्याय के लिए बिर्टिश हुकूमत से संघर्ष करते रहें। वह हमेशा सत्य, अहिंसा, बाचा कर्मणा के मार्ग पर सदा चलते रहे और भारतीय समाज को भी इसी मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते रहें। इस अवसर पर शासकीय अभिवक्ता नीरज त्रिपाठी, किशोर मिश्रा ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये।