पुणे (ईएमएस)। टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें सत्र में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के गेंदबाजी कोच बने हैं। नेहार ने कहा, ‘यह मेरे लिए नई शुरुआत है। हर कोई जानता है कि आरसीबी कितनी बड़ी फ्रैंचाइजी है। वह टीम तीन बार फाइनल में पहुंची है। हमें उम्मीद है कि इस बार वह खिताब जीतेगी।’ इस बार नेहरा और गैरी कर्स्टन आरसीबी के कोच हैं। नेहरा ने कहा कि वह गेंदबाजों को मैनेज करने का काम करेंगे न कि उन्हें वही जानकारी देते रहेंगे जो वे पहले से जानते हैं। उन्होंने कहा कि गेंदबाज ही मैच जितवाते हैं बल्लेबाज कितने ही रन क्यों न बना लें जीत तभी मिलेगी जब गेंदबाज पूरी टीम को आउट करेंगे हालांकि गेंदबाजों को वो महत्व नहीं मिल पा रहा है जिसके वे अधिकारी हैं।
नेहरा ने कहा, ‘कोच की जिम्मेदारी मेरे लिए प्रबंधन का काम होगा। मैं अभी अपने काम को कोचिंग नहीं कहना चाहूंगा। मैं कोचिंग को एक खिलाड़ी के नजरिये से देखता हूं। अभी तीन-चार महीने पहले तक मैं खेल रहा था तो जो भी मैं अपने कोच से चाहता था वह सब खिलाड़ियों को दूंगा।’ नेहरा ने कहा, ‘मैं दो-तीन महीने के वक्त में किसी की गेंदबाजी नहीं बदल सकता और न ही मैं ऐसा करना चाहता हूं। अगर जरूरत पड़ी तो मैं सिर्फ उनके सोचने के तरीके पर काम करूंगा। मेरे सभी गेंदबाजों को गेंदबाजी करनी आती है, मेरा काम उन्हें यह बताना है कि किस समय किस तरह की गेंदबाजी करनी है।’ टी20 को गेंदबाजों के लिए मुश्किल प्रारूप समझा जाता है लेकिन नेहरा कहते हैं कि खेल से ज्यादा लोगों का नजरिया गेंदबाजों के प्रति इसी तरह का है।
नेहरा ने कहा, ‘अगर एक बल्लेबाज के रूप में अगर आप पांच-छह पारियों में रन न बनाएं और फिर 120 गेंदों पर 40 या 130 गेंदों पर 50 रन बना दें तो इसे काफी तवज्जो मिलती है। लेकिन वहीं गेंदबाजों के साथ ऐसा नहीं होता। आप चार ओवर में 25 रन देकर तीन विकेट लें तो इस पर लोगों का ध्यान नहीं जाता वहीं अगर आप चार ओवर में 60 रन दे दें तो लोग नोटिस करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जहां तक खेल में योगदान का सवाल है तो मेरा मानना है कि गेंदबाजों की भूमिका भी समान है। आप 1000 रन बनाकर मैच नहीं जीत सकते आपको 20 विकेट लेने ही होंगे।’