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केरल लव जिहाद केस : हदिया उर्फ अखिला के पिता की मांग, कैमरे के सामने हो सुनवाई

नई दिल्ली, 21 नवम्बर (हि.स.)। केरल के लव जिहाद के मामले में हदिया उर्फ अखिला के पिता ने 27 नवंबर को लड़की का पक्ष सुनने के दौरान कैमरे के सामने सुनवाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अपनी याचिका में लड़की के पिता ने सुनवाई को गोपनीय रखने की मांग की है। पिछले 30 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने केरल पुलिस को हदिया उर्फ अखिला को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले की किसी एजेंसी से जांच की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल से पूछा था कि क्या किसी कानून में किसी लड़की की शादी अपराधी से करने पर रोक है। इस मामले में लड़की की मर्जी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। वह बालिग है।

केरल सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि एनआईए को इस मामले की जांच करने की जरुरत नहीं है। केरल सरकार ने कहा है कि राज्य पुलिस इस मामले की जांच में सक्षम है और उसने गंभीरता से मामले की छानबीन की थी ।

इस मामले में केरल हाईकोर्ट ने लड़की के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी शादी निरस्त कर दी थी। लड़की के पिता ने आरोप लगाया था कि उसकी बेटी का जबरन धर्म परिवर्तन कर उसके साथ मुस्लिम लड़के ने शादी की थी।

केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता शफी जहां ने अपनी पत्नी को अपने साथ रखने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। लड़की का नाम अखिला था जिसका इस्लाम में धर्म परिवर्तन के बाद हदिया हो गया। शफी केरल के कोल्लम जिले का रहनेवाला है जो मस्कट में नौकरी करता है। हदिया के पिता अशोकन एके कोट्टयम जिले के रहनेवाले हैं जिन्होंने केरल हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर अपनी बेटी को पाने की मांग की थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि उनकी बेटी को अनधिकृत रुप से आरोपी ने अपने साथ रखा था। उनकी बेटी तमिलनाडु के सलेम में बीएचएमएस की पढ़ाई कर रही थी। वो वहां दो मुस्लिम बहनों के साथ किराये के घर में रहती थी जिन्होंने उसे इस्लाम धर्म में परिवर्तित कराया। अशोकन के मुताबिक उनकी बेटी ने एक मुस्लिम युवक से शादी कर ली थी और अब उसे आईएस से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा था। अशोकन की याचिका पर सुनवाई करते हुए केरल हाईकोर्ट ने उनकी शादी शून्य घोषित करते हुए आईएस से जुड़ने के मामले की जांच का आदेश दिया था।

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