नई दिल्ली, 05 जनवरी = कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तारखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ गुरूवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया। रावत ने दिल्ली में भागीरथी जोन मास्टर प्लान को केंद्र सरकार द्वारा खारिज करने फैसले के खिलाफ सांकेतिक धरना दिया।
इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि केंद्र ने उत्तराखंड का विनाश करने का काम किया है। भागीरथी परियोजना के मुद्दे पर हरीश रावत ने गुरूवार को जंतर-मंतर पर सांकेतिक उपवास करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा। रावत ने कहा कि केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को इको ग्रीन बोनस नहीं दिया है। केंद्र की नीतियों के कारण आज राज्य को बेहद नुकसान हो रहा है। केंद्र ने राज्य को विनाश के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है।
चुनाव आयोग द्वारा उत्तराखंड में 4 फरवरी को चुनावों में ऐलान के बाद मुख्यमंत्री रावत के इस कदम में सियासी निहितार्थ भी तलाशे जा रहे हैं। हालांकि रावत ने इस कदम को मुख्यमंत्री का दायित्व बताया है। रावत के मुताबिक राज्य के सांसद केवल दिल्ली दरबार के दरबारी बनकर रह गए हैं।
उत्तराखंड में लड़ाई साफ तौर पर भाजपा और कांग्रेस के बीच है। हालांकि, बीएसपी का भी कुछ जगह असर दिखाई दे रहा है। यहां चुनावी मुद्दों के साथ ही पर्सनैलिटी का भी चुनाव पर ज्यादा असर होता है। इस मामले में कांग्रेस कुछ आगे दिख रही है क्योंकि यह साफ है कि कांग्रेस अपने सीटिंग मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ रही है।