रायपुर, 29 जनवरी = राज्य सरकार के कृषि विभाग द्वारा राजधानी रायपुर में आयोजित पांच दिवसीय राष्ट्रीय कृषि मेले में किसानों के लिए विशेष स्कूल भी चलाए जा रहे हैं।
कृषि मेले के अलग-अलग मंडपों में चल रहे इन स्कूलों को किसान पाठशाला का नाम दिया गया है। जिस प्रकार बच्चे पाठशाला में बैठकर हर रोज नS पाठ पढ़ते हैं, उसी तरह कृषि पाठशाला में छत्तीसगढ़ और देश के अन्य राज्यों से आए किसानों को विशेषज्ञों द्वारा खेती के नए-नए तरीके बताए जा रहे हैं। उन्हें बीजों के उपचार से लेकर फसल कटाई तक हर कार्य में नई टेक्नॉलाजी अपनाने की सलाह दी जा रही है। पाठशालाओं में अनाज, दलहन, तिलहन की खेती के साथ-साथ उद्यानिकी, पशुपालन, मछलीपालन की विशेषज्ञों और उन्नत किसानों से मिल रही है।
पाठशालाओं में किसान केवल विशेषज्ञों और प्रगतिशील किसानों की बातें नहीं सुन रहे हैं, बल्कि अपनी समस्याओं का समाधान भी पा रहे हैं। किसानों के सामने ट्राइकोडर्मा जैविक फफूंदनाशी निर्माण की विधियों का जीवंत प्रदर्शन किया गया। विशेषज्ञों द्वारा बहुत स्पष्ट तरीके से मशरूम की खेती और उसके फायदों के बारे में बताया गया।