किताब ‘सामाजिक स्मगलुरु कोमाटोल्लु ’पर बैन की अर्जी खारिज
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (हि.स.) । सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद के प्रोफेसर कंचा इलैया की पुस्तक ‘सामाजिक स्मगलुरु कोमाटोल्लु ’ पर बैन लगाने की याचिका खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने वकील केएलएनवी वीरांजानेयेलु की याचिका खारिज करते हुए कहा कि जब कोई लेखक पुस्तक लिखता है तो ये उसकी अभिव्यक्ति की अधिकार के तहत है। कोर्ट उस पुस्तक पर बैन नहीं लगा सकता है ।
याचिकाकर्ता ने उस पुस्तक के साथ-साथ पुस्तक के अध्याय 9 ‘पोस्ट हिंदू इंडिया’ और ‘हिंदुत्व मुक्त भारत’ को बैन करने की मांग की थी । कोर्ट ने कहा था कि पुस्तक को बैन करने के पहले उसकी कड़ाई से पड़ताल करने की जरुरत है क्योंकि पुस्तक लेखन किसी लेखक का मौलिक अधिकार है । लेखक अपने विचारों को अभिव्यक्त करने के लिए स्वतंत्र है । किसी लेखक की अभिव्यक्ति की आजादी बैन करने को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
इस पुस्तक के एक लेख में आर्य-वैश्य समुदाय को सोशल स्मगलर कहा गया है । जिसके बाद इलैया के खिलाफ इस समुदाय ने तीखा विरोध शुरु किया था और जान से मारने की धमकी मिली थी। उन पर हमले की कोशिश भी की गई थी। याचिका में कहा गया था कि ये पुस्तक पूरे आर्य समुदाय को बदनाम करने की कोशिश है, इसलिए इसे बैन करना चाहिए।