हरिद्वार, 04 अगस्त (हि.स.)। कांवड़ मेला अपने सबाब पर है। दिन-प्रतिदिन कांवड़ियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। कांवड़ के नए-नए रंग देखने को मिल रहे हैं। कांवड़ियों के कारण सम्पूर्ण तीर्थनगरी भगवा रंग में रंगी हुई है। चारों तरफ कांवड़ियों का ही सैलाब नजर आ रहा है। सोमवार से डाक कांवड़ का तीर्थनगरी पर कब्जा होने वाला है। प्रशासन भी कांवड़ मेला सकुशल सम्पन्न कराने के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ जुटा हुआ है।
29 जुलाई से कांवड़ मेले का विधिवत शुभारम्भ हो चुका है। नौ अगस्त को शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक होना है। नौ अगस्त को इसी के साथ मेले की समाप्ति हो जाएगी। इस समय मेला अपने पूरे सबाब पर है। कांवड़ियों के आने और जाने का सिलसिला लगातार जारी है। जहां पैदल कावंड़िए गंगा जल भरकर अपने गंतव्य की ओर कूच कर रहे हैं वहीं डाक कांवड़ियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। आलम यह है कि बैरागी कैंप में कांवड़ियों के लिए बनाई गई पार्किंग पूरी तरह से फुल हो चुकी है। बड़ी संख्या में कांवड़ियों के चौपहिया वाहनों की भीड़ बैरागी कैंप में है। वहीं भीड़ के बढ़ने के साथ प्रशासन की मुश्किलें भी बढ़ने लगी हैं। कांवड़ियों को नियंत्रित करने और उन्हें निर्धारित मार्ग से वापस भेजना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है।
प्रशासन ने पैदल कांवड़ियों की वापसी के लिए कांवड़ पटरी मार्ग निर्धारित किया है। जबकि बड़ी कांवड़ को मुख्य मार्ग से भेजा जा रहा है। वहीं छोटी कांवड़ वालों के भी मुख्य मार्ग से जाने पर पुलिस के जवानों से नोकझोंक का सिलसिला जारी है। नहर पटरी के साथ शहर के भीतर के मार्ग से भी बड़ी संख्या में कांवड़िए अपने गंतव्य की ओर कूच कर रहे हैं। पटरी मार्ग के साथ राजमार्ग व शहर के भीतर के मार्ग पर भी कांवड़ियों को कब्जा है। भीड़ के कारण स्थानीय लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मार्ग डायवर्ट होने के कारण स्थानीय लोगों को दिक्कतें आ रही हैं। डाक कांवड़ शुरू होने के बाद स्थानीय लोगों की मुसीबतें और बढ़ना तय है।