कश्मीर पर केंद्र सरकार के डायलॉग प्रोसेस का असर सैनिक कार्रवाई पर नहीं पड़ेगाः सेना प्रमुख
नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (हि.स.)| जम्मू-कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रतिनिधि नियुक्त करने की कार्रवाई से यहां चल रहे सैनिक आपरेशन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह कहना है सेना प्रमुख बिपिन रावत का।
रावत ने कहा कि सरकार की कश्मीर को लेकर अपनाई गई नीति सफल रही। हम ताकत से चीजों को हल करने की कोशिश कर रहे हैं| सरकार अपनी तरह से इस समस्या के समाधान के लिए काम कर रही है। गौरतलब है कि दो दिनों पहले केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर मामले के सभी पक्षों से बातचीत के लिए अपने प्रतिनिधि पूर्व खुफिया ब्यूरो के प्रमुख दिनेश्वर शर्मा को नियुक्त किया है।
इस बीच केंद्र सरकार के इस पहल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से डायलाग की राह को अपनाना साबित करता है कि इस मामले को लेकर सरकार की शक्ति प्रदर्शन की नीति फेल हो गई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व देश के पूर्व गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने ट्विट किया है कि केंद्र ने अंत में स्वीकार कर लिया कि इस मामले को लेकर इसकी शक्ति प्रदर्शन की नीति असफल हो गई और मात्र बातचीत का रास्ता ही शेष बचा है।
गौरतलब है कि कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार ने सख्त पालिसी को अपनाते हुए आतंकियों के खिलाफ सैनिक कार्रवाई को खुला समर्थन किया जिसके तहत लगभग 100 आतंकी पिछले साल मारे गए। साथ ही इस साल की सैनिक कार्रवाई में 140 आतंकी मारे गए।
फिक्की की ओर से आयोजित सैन्य आधुनिकीकरण विषय पर अपना मत रखते हुए रावत ने कहा कि इसका स्वदेशीकरण करना होगा।