कश्मीर के बहाने शिवसेना का केंद्र सरकार पर साधा निशाना
मुंबई, 08 दिसंबर (हि.स.)। कश्मीर के बहाने शिवसेना ने केंद्र सरकार पर फिर तंज कसा है| नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला द्वारा केंद्र सरकार को दी गई चुनौती को शिवसेना ने स्वीकारते हुए श्रीनगर के लालचौक पर 06 दिसंबर को तिरंगा झंडा फहराने का प्रयास किया और शिवसेना के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शिवसैनिकों का पुरजोर समर्थन किया है| सवाल करते हुए सामना की संपादकीय में लिखा है कि कश्मीर में तिरंगा फहराना अपराध है तो हम यह कैसे स्वीकार करें कि वहां पर हमारी ही सत्ता है।
शिवसेना अध्यक्ष ने सामना के मुखपत्र संपादकीय में लिखा है कि कश्मीर के लालचौक पर अंततोगत्वा वंदे मातरम का जय जयकार हुआ। भारतमाता के विजय की घोषणा की गई और वहां पर तिरंगा फहराया गया। यह शौर्य हमारे निडर राष्ट्राभिमानी, 56 सीना के शिवसैनिकों ने कर दिखाया। भारत माता की जय बोलने पर हिन्दुस्थान में बंदी है तो उस भूमि को हम स्वतंत्र मानने के लिए तैयार नहीं हैं। वर्तमान समय में देश में तिरंगा फहराया जाता है और कश्मीर में तिरंगा फहराना अपराध है तो वहां पर हमारी ही सत्ता है, यह कैसे स्वीकार किया जाए। जम्मू के आठ से नौ शिवसैनिकों ने लालचौक पर जाकर तिरंगा फहराया और जिस वीरता का परिचय दिया है, वह काबिलेतारीफ है।
हिन्दुस्थान के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव पूर्व प्रचार के दौरान गर्जना करते हुए कहा था कि पाक अधिकृत कश्मीर को हिन्दुस्थान में मिलाकर रहेंगे। ऐसा कुछ तो हुआ नहीं, अब नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को चुनौती दी है। पाक अधिकृत कश्मीर को हिन्दुस्थान में लाने की गर्जना क्यों करते हो? इसके पहले श्रीनगर के लालचौक पर तिरंगा फहरा करके दिखाओ। हमें लगा कि नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला की चुनौती का जवाब भाजपा के मंत्री देंगे, पर उन्होंने कुछ किया नहीं और हमारे शिवसैनिकों ने उनकी चुनौती को स्वीकार करते हुए लालचौक पर तिरंगा फहराने का काम किया है।
जम्मू-कश्मीर हिन्दुस्थान में है|जम्मू-कश्मीर में सैनिकों पर हमले शुरु ही हैं और सैनिक बलिदान देते हुए शहीद हो रहे हैं। कश्मीरी पंडितों के लिए तीन वर्ष में कुछ किया नहीं जा सका। बंदूक की नोंक पर वहां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। श्रीनगर के लालचौक पर तिरंगा फहराना महाकठिन काम हो गया है, पर हमारे शिवसैनिकों ने जो साहस दिखाया है, वह अभिनंदनीय है।