नई दिल्ली, 23 सितम्बर (हि.स.) । आठ साल की छोटी उम्र से ही कबड्डी के मैदान में ताल ठोंकने वाले व प्रो कबड्डी लीग के पांचवें संस्करण में पुनेरी पल्टन टीम के सदस्य संदीप नारवाल का सपना है कि वह ओलंपिक में देश के लिए खेलें और स्वर्ण पदक लायें। हालाँकि कबड्डी को अभी भी ओलंपिक में शामिल नही किया गया है। ओलंपिक में शामिल होने के लिए किसी भी खेल को दुनिया भर में फैलना होता है और 4 महादेशों के 75 देशों में उस खेल का खेला जाना जरुरी है। लेकिन जिस तरह से कबड्डी का खेल लोकप्रिय होता जा रहा है उस हिसाब से इसके ओलंपिक में शामिल होने की उम्मीद की जा सकती है।
हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में संदीप ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय कबड्डी फैडरेशन के अध्यक्ष जर्नादन सिंह गहलोत प्रयासरत हैं कि कबड्डी को ओलंपिक में शामिल किया जाय। उन्होंने कहा कि मेरा भी सपना है कि एक दिन ओलंपिक में मैं कबड्डी खिलाड़ी के रूप में रूप में देश के लिए खेलूं और स्वर्ण पदक जीतूं।
प्रो कबड्डी लीग के पांचवें संस्करण के बड़े प्रारूप पर संदीप ने कहा कि लीग बड़ा हो या छोटा इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारा काम खेलना है और हम खेलते हैं। हां बड़े प्रारूप में हमें लगातार खेलना होता है, इसलिए जरूरी है कि फिटनेस पर ज्यादा ध्यान दिया जाय़।
प्रो कबड्डी लीग से खिलाड़ियों के जीवन में आये परिवर्तन के बारे में पूछने पर संदीप ने कहा कि इस लीग के आने से खिलाड़ियों के जीवन में ज्यादा बदलाव आया। पहले कोई हमें जानता नहीं था और अब हम काफी लोकप्रिय हो चुके हैं। जैसे क्रिकेट के खिलाड़ी फेमस हैं। वैसे ही प्रो कबड्डी में खेलने से खिलाड़ी फेमस हो रहे हैं। इससे पहले, मेरे गांव में भी लोगों को कबड्डी के बारे में पता नहीं था। पर अब प्रो कबड्डी के वजह से सब संदीप नरवाल और अन्य खिलाडियों को जानते है। यहाँ तक की मेरे पडोसी मुझसे प्रो कबड्डी के बारे में पूछ रहे थे।
कई लोग प्रो कबड्डी के वजह से कबड्डी में रूचि लेने लगे है। पहले कोई नहीं जानता था हमे, अब लोग हमे जानते है और हमारे साथ फ़ोटो खिंचवाते है।
लीग में मजबूत प्रतिद्वंद्वी टीम के बारे में पूछने पर संदीप ने कहा कि लीग में शामिल टीमों में कोई अंतर नहीं है। सभी टीमें अच्छी हैं। हालांकि मैं अपनी टीम को ही ज्यादा मजबूत मानता हूं । क्योंकि हमारा डिफेंस और आक्रमण दोनों मजबूत है।
संदीप ने युवा खिलाड़ियों को सलाह देते हुए कहा कि कबड्डी में अब युवाओं का भविष्य बेहतर है। युवा कबड्डी को अब पेशेवर तरीके से अपना सकते हैं। लीग ने कबड्डी खिलाड़ियों के जीवन स्तर को सुधार दिया है।
संदीप नारवाल को पावर पैक हरफनमौला खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है। प्रो कबड्डी लीग के तीसरे संस्करण में संदीप को सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर चुना गया था। पहले तीन संस्करण तक वह पटना पाइरेट्स का हिस्सा थे। इसके बाद चौथे संस्करण में वह तेलुगू टाइटन्स में शामिल हो गये थे। उन्होंने 8 साल की उम्र में कबड्डी खेलना शुरू कर दिया था। अपने स्कूल के लिए खेले जाने के बाद उन्हें हरियाणा टीम में चुना गया था। उन्होंने जूनियर स्तर के कबड्डी लीग में कई पदक जीते हैं। भारत के खेल प्राधिकरण द्वारा चयनित होने के बाद वह ऑल राउंडर बन गए। उन्होंने जूनियर एशियाड में भारत का प्रतिनिधित्व किया। संदीप अपने मूल राज्य हरियाणा में पुलिस उपायुक्त हैं। वह 2016 के कबड्डी विश्व कप में स्वर्ण जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे।