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उपचुनाव : पालघर में बीजेपी के सामने अपनी साख बचाने की चुनौती

संजय सिंह ठाकुर,पालघर :मुंबई से सटे  पालघर लोकसभा सिट पर उपचुनाव की तारीख घोषित होते ही जहां राजनितिक गलियारों में गर्मी के दिनों में और पारा चढ़ गया है . वही यूपी उपचुनावों में मिली हार के बाद महाराष्ट्र में पालघर लोकसभा सिट तथा भंडारा –गोंदिया लोकसभा सिट पर होने वाले उपचुनाव में इस सिट पर बीजेपी के सामने अपनी साख बचाने की बड़ी चुनौती है .

बता दे की अभी हाल ही में 2019 लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और फूलपुर तथा बिहार के अररिया लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। पिछले महीने राजस्थान में हुए दो लोकसभा सीटों और एक विधानसभा सीट पर चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मार ली है। राजस्थान और यूपी में बीजेपी को मिली हार से कांग्रेसी उत्साहित भी है.

चुनाव की तारीख घोषित होते ही चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार अपने अपने काम छोड़कर अब अपनी -अपनी पार्टी से टिकट पाने व चुनाव की तैयारी में जुट गए है . वही कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस के पूर्व मंत्री राजेन्द्र गावित ,पूर्व सांसद दामू शिंगडा,सचिन शिंगडा, मुंबई के रिटायर ACPमधुकर चौधरी ,शंकरनम में टिकट पाने की होड़ मची है. टिकिट पाने के लिए कोई ट्रेन से कोई प्लेन से दिल्ली पहुंचकर अपना -अपना डेरा जमाये हुए है .जबकि एनसीपी कांग्रेस से गठबंधन की बात कह रही है .

उम्मीदवारी को लेकर  बीजेपी में दो भाग

बीजेपी की बात करे तो बीजेपी में उम्मीदवारी को लेकर दो भाग हो गया है एक भाग चिंतामण वनगा के लड़के श्रीनिवासन की वकालत कर रहा हैं , उनका कहना है की अगर वनगा के लड़के को टिकट दिया गया तो चुनाव में लोगो की सहानुभूति मिलेगी .जबकी दूसरा तबका बीजेपी के आदिवासी विकास मंत्री विष्णु सावरा के पक्ष में खड़ा है उनका कहना है की वनगा साहेब के लड़के को राजनितिक अनुभव न के बराबर है ऐसे में सावरा को टिकट देना चाहिए उनके पास काफी राजनितिक अनुभव है और इस क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ भी हैं , जिसका फयदा बीजेपी को होगा .

उम्मीदवारी को लेकर शिवसेना की चुप्पी 

अगर शिवसेना की बात करे तो इस लोकसभा सिट पर शिवसेना का काफी दबदबा है . जिसे देखते हुए शिवसेना के पालघर जिला अध्यक्ष राजेश शाह व स्थानिक पदाधिकारी अपने वरिष्ठो से शिवसेना का उम्मीदवार मैदान में उतार कर यह चुनाव लड़ने की आपिल कर रहे है. लेकिन शिवसेना के बड़े नेता उम्मीदवारी को लेकर अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

बहुजन विकास पार्टी के पास है जीत की चाभी 

अगर देखा जाय तो इस सिट पर जीत की चाभी अगर किसी के पास है तो उसे बहुजन विकास पार्टी के पास बताया जा रहा है .बताया जा रहा है की इस चुनाव की दिशा बहुजन विकास पार्टी तय करेगी वो जिधर जायेगी उसकी जीत पक्की है. हालंकि परिसीमन के बाद नया बना पालघर लोकसभा सिट पर पहली बार जीत हालिस करने वाली बहुजन विकास पार्टी के नेता मौन है . बविआ इस चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारेगी या किसी को अपना समर्थन देगी यह भी सस्पेंश बन गया है .अब यह देखने वाली बात होगी कौन सी पार्टी किसे अपना उम्मीदवार घोषित करती है .
आगे पढ़े :MP में कांस्टेबल की भर्ती पर उम्मीदवारों के सीने पर लिख दिया SC-ST , जांच के आदेश जारी

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