उत्तर प्रदेशखबरे

उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय बना अपराधियों का गढ़ .

लखनऊ, 15 जनवरी = उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित पुलिस मुख्यालय अपराधियों का गढ़ बन गया है और उसे बेलगाम अपराधियों ने घेर रखा है। सूबे के सबसे संवेदनशील भवन पुलिस मुख्यालय के चारो तरफ ही डकैतों, लुटेरों, हत्यारों, बलवाकारियों, बलात्कारियों, गैंगस्टरों, जुआरियों, चोरों की संख्या बहुत है और मुख्यालय में बैठने वाले अधिकारियों के प्रदेश को सुरक्षित रखने के दांवे वर्ष 2016 में कई दफा किये गये। लेकिन इन अधिकारियो के दावों में कितना दम है आप ही देख लीजिए.

पुलिस महानिदेशक सैय्यद जावीद अहमद सहित आला अधिकारियों का रोजाना पुलिस मुख्यालय में बैठना होता है और यहां से उत्तर प्रदेश में होने वाली छोटी बड़ी घटनाएं व आपराधिक मामलों की समीक्षा होती रहती है। फेसबुक, ट्विटर के माध्यम से भी समस्याओं की सुनवाई की जाती है। प्रदेश में चलने वाली छोटी बड़ी गैंगों की गतिविधियों को यहां से नापा जाता है। अपराध होने के बाद जिलों के आला अधिकारियों को पुलिस मुख्यालय से निर्देश दिये जाते है और समुचे प्रदेश को सुरक्षित रखने के लिये मजबूती के साथ उचित कदम उठाया जाता है। भिन्न—भिन्न के अपराधों को लेकर के बैठकें होती है तो कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों पर यह भवन किसी भी चुनौती को स्वीकार करने के लिये सदैव तैयार रहता है। 

पुलिस मुख्यालय की सक्रियता के बावजूद इसके चारो ओर फैले प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अपराधियों को रोक पाना मुश्किल है और खुलेआम पुलिस को चुनौती देते हुये अपराधी घटनाओं को अंजाम देते है। घटना होने के बाद सक्रिय होने वाली पुलिस चौबीस घंटे से लेकर एक सप्ताह तक खुलासा करने में बीताने के बाद भी कई बार अपरधियों के सामने कमजोर दिखती है। 

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को पुलिस विभाग ने 14 सर्किल में बांटा है। जो सभी सर्किल महानगर, अलीगंज, गाजीपुर, कैण्ट, गोमती नगर, बीकेटी, मोहनलालगंज, मलिहाबाद, हजरतगंज, आलमबाग, कृष्णानगर, कैसरबाग, चौक और बाजारखाला है। इसमें सबसे ज्यादा व्यस्त रहने वाला सर्किल हजरतगंज है और इसी सर्किल में पुलिस मुख्यालय भी आता है। 

राजधानी पुलिस के आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2016 में एक जनवरी से लेकर 15 दिसम्बर तक सर्किल महानगर में शस्त्र अधिनियम में 17, जुआ अधिनियम में 31, एनडीपीएस में 6, आबकारी अधिनियम में एक, गुण्डा अधिनियम में 56, गैंगस्टर में 3, लूटकांड में 6, हत्या में 8, बलवा में 1, गृहभेदन में 40, वाहन चोरी में 181, चोरियां 267, दहेज हत्या एक और बलात्कार 4, अलीगंज में शस्त्र अधिनियम में 24, जुआ अधिनियम में 12, एनडीपीएस में 8, आबकारी अधिनियम में 2, गुण्डा अधिनियम में 28, गैंगस्टर में 7, लूटकांड में 4, हत्या में 20, बलवा में 5, गृहभेदन में 67, वाहन चोरी में 247, चोरियां 333, दहेज हत्या छ: और बलात्कार 6, गाजीपुर में शस्त्र अधिनियम में 18, जुआ अधिनियम में 6, एनडीपीएस में 3, आबकारी अधिनियम में 3, गुण्डा अधिनियम में 30, गैंगस्टर में 1, लूटकांड में 5, हत्या में 6, बलवा में 6, गृहभेदन में 82, वाहन चोरी में 240, चोरियां 372, दहेज हत्या 5 और बलात्कार 6, कैण्ट में शस्त्र अधिनियम में 21, जुआ अधिनियम में 2, एनडीपीएस में 5, आबकारी अधिनियम में 36, गुण्डा अधिनियम में 37, गैंगस्टर में 3, लूटकांड में 8, हत्या में 6, बलवा में 14, गृहभेदन में 69, वाहन चोरी में 114, चोरियां 213, दहेज हत्या एक और बलात्कार 7, सर्किल गोमती नगर में शस्त्र अधिनियम में 26, जुआ अधिनियम में 4, एनडीपीएस में 5, आबकारी अधिनियम में 3, गुण्डा अधिनियम में 28, गैंगस्टर में 7, लूट—डकैती में 11, हत्या में 8, बलवा में 4, गृहभेदन में 100, वाहन चोरी में 427, चोरियां 538, दहेज हत्या 2 और बलात्कार 10, सर्किल बीकेटी में शस्त्र अधिनियम में 8, जुआ अधिनियम में 13, आबकारी अधिनियम में 24, गुण्डा अधिनियम में 17, गैंगस्टर में 4, लूटकांड में 5, डकैती में 3 हत्या में 11, बलवा में 13, गृहभेदन में 19, वाहन चोरी में 28, चोरियां 53, दहेज हत्या 5 और बलात्कार 5, मोहनलालगंज में शस्त्र अधिनियम में 22, जुआ अधिनियम में 7, एनडीपीएस में 8, आबकारी अधिनियम में 177, गुण्डा अधिनियम में 41, गैंगस्टर में 1, लूटकांड में 11, हत्या में 19, बलवा में 28, गृहभेदन में 31, वाहन चोरी में 33, चोरियां 65, दहेज हत्या 8 और बलात्कार 18, मलिहाबाद सर्किल में शस्त्र अधिनियम में 32, जुआ अधिनियम में 14, आबकारी अधिनियम में 91, गुण्डा अधिनियम में 45, गैंगस्टर में 2, लूटकांड में 7, हत्या में 22, बलवा में 27, गृहभेदन में 22, वाहन चोरी में 33, चोरियां 67, हजरतगंज सर्किल में शस्त्र अधिनियम में 5, जुआ अधिनियम में 14, एनडीपीएस में 4, आबकारी अधिनियम में 6, गुण्डा अधिनियम में 29, गैंगस्टर में 3, लूटकांड में 2, हत्या में 2, बलवा में 1, गृहभेदन में 7, वाहन चोरी में 201, चोरियां 281, दहेज हत्या 2 और बलात्कार 4, आलमनगर सर्किल में शस्त्र अधिनियम में 17, जुआ अधिनियम में 7, एनडीपीएस में 20, आबकारी अधिनियम में 17, गुण्डा अधिनियम में 25, गैंगस्टर में 8, लूटकांड में 2, हत्या में 4, बलवा में 4, गृहभेदन में 35, वाहन चोरी में 119, चोरियां 186, दहेज हत्या 2 और बलात्कार 5, कृष्णानगर सर्किल में शस्त्र अधिनियम में 29, जुआ अधिनियम में 8, एनडीपीएस में 7, आबकारी अधिनियम में 45, गुण्डा अधिनियम में 37, गैंगस्टर में 3, लूटकांड में 6, हत्या में 12, बलवा में 21, गृहभेदन में 50, वाहन चोरी में 103, चोरियां 185, दहेज हत्या 5 और बलात्कार 6, कैसरबाग सर्किल में शस्त्र अधिनियम में 8, जुआ अधिनियम में 6, एनडीपीएस में 8, आबकारी अधिनियम में 11, गुण्डा अधिनियम में 30, गैंगस्टर में 1, लूटकांड में 2, हत्या में 3, बलवा में 18, गृहभेदन में 7, वाहन चोरी में 96, चोरियां 129, दहेज हत्या एक और बलात्कार 2, चौक सर्किल में शस्त्र अधिनियम में 21, जुआ अधिनियम में 12, एनडीपीएस में 2, आबकारी अधिनियम में 1, गुण्डा अधिनियम में 58, गैंगस्टर में 5, लूटकांड में 6, हत्या में 7, बलवा में 23, गृहभेदन में 71, वाहन चोरी में 402, चोरियां 695, दहेज हत्या 4 और बलात्कार 4, बाजारखाला सर्किल में शस्त्र अधिनियम में 18, जुआ अधिनियम में 10, एनडीपीएस में 2, आबकारी अधिनियम में 5, गुण्डा अधिनियम में 61, गैंगस्टर में 7, लूटकांड में 4, हत्या में 10, बलवा में 3, गृहभेदन में 31, वाहन चोरी में 98, चोरियां 134, दहेज हत्या 4 और बलात्कार 3 लोगों की गिरफ्तारी हुई। 

वर्ष 2016 में पांच मामलों में सबसे ज्यादा कमजोर दिखी यूपी पुलिस .

1— उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 5 जनवरी को गोमतीनगर थाना क्षेत्र में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी व लखनऊ सचिवालय में सहकारिता विभाग में विशेष सचिव हृदय शंकर तिवारी के एल्डिको ग्रीन कालोनी स्थित उनके 282 नम्बर आवास पर हथियारबंद करीब पांच या छ: बदमाशों ने लाखों की डकैती डाली। 

2— लखनऊ में 6 मार्च को माफिया मुन्ना बजरंगी के रिश्तेदार पुष्पजीत सिंह को बदमाशों ने विकास नगर सेक्टर-3 में गोलियों से भून डाला। इसके बाद तेरह दिनों तक पुलिस सिर्फ तफ्तीश करती रही तो तेरहवीं में मुन्ना बजरंगी शामिल हुआ। मार्च माह में यह प्रकरण सबसे ज्यादा चर्चा विषय रहा। 

3— प्रदेश में जवाहरबाग कांड के नाम से रामवृक्ष यादव का प्रकरण चर्चा में रहा। 2 जून 2016 को मथुरा में जवाहर बाग पर जबरन कब्जा करने वाले उपद्रवियों व पुलिस के मध्य सशस्त्र संघर्ष में दो पुलिस अधिकारी व 22 उपद्रवी मारे गए। पुलिस ने 47 बंदूकें, 6 राइफलें और शिविर से 179 हथगोले बरामद किए। 3 जून तक पुलिस ने 368 लोगों को गिरफ्तार किया। वहीं जवाहरबाग का खलनायक बन कर उभरा रामवृक्ष यादव मारा गया। 

4— 2— बुलन्दशहर में 29 जुलाई की रात मां और उसकी 14 साल की नाबालिग बेटी से गैंगरेप हुआ। हाइवे एनएच 91 पर मां और बेटी से सामूहिक बलात्कार का मामला अगस्त माह तक चर्चा का विषय रहा। कार से हाइवे पर निकले एक परिवार के दो भाई, उनकी पत्नियां, बड़े भाई का बेटा और छोटे भाई की ग्यारह साल की बेटी को बदमाशों ने रोका और बंदूक के बल पर लूटपाट की। इसके बाद बदमाशों ने पुरूषों के सामने ही एक महिला और उसकी बेटी के साथ गैंगरेप किया था। 

5— गाजियाबाद में 11 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी के नेता बृजपाल तेवतिया सहित सात लोगों पर बदमाशों ने एके—47 से हमला किया था। योजनाबद्ध तरीके से किये गये हमला में बृजपाल बच गये और मुख्य आरोपी मनीष सहित अन्य अपराधी पकड़े गये।  

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