Uttarakhand.हरिद्वार, 28 मार्च = देवभूमी उत्तराखण्ड में चैत्र नावरात्रि एवं भारतीय नववर्ष धूमधाम से मनाया जा रहा है। सूबे के मठ-मंदिरों में सुबह से भक्तों की भीड़ लगी हुई है। चैत्र नवरात्र, भारतीय नववर्ष के अवसर पर धर्मनगरी हरिद्वार के मठ-मंदिरों में मां दुर्गा के प्रथम रूप शैलपुत्री की पूजा अर्चना हुई। भोर से ही धर्मनगरी के विभिन्न मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है और धर्मनगरी मां दुर्गा के जयकारों से गूंज उठा।
नव-संवत्सर-2074 के प्रथम दिन मंगलवार यानी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की सुबह से ही धर्मनगरी के मंदिरों में माता के भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। माता के प्रथम रूप शैल पुत्री की पूजा अर्चना भगवान गणेश के पूजन के साथ शुरू हुई। भक्तोें ने पवित्र हृदय से मां दुर्गा के सुमिरन के साथ घट स्थापना की। मां दुर्गा के आह्वान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ घर के देव स्थल पर मिट्टी से खेत्री (मां का दरबार) बनाया।
तत्पश्चात् कलश के शीर्ष भाग पर रक्तवर्णी वस्त्र में लपेट कर श्रीफल रखा। साथ ही गणेश पूजन व नव ग्रह पूजन कर स्थान देवता और कुल देवताओं का आह्वान कर मां दुर्गा का पूजन शुरू किया। वहीं धर्मनगरी के मनसा देवी, चंडी देवी, मायादेवी मंदिर, मकरवाहिनी मंदिर, दक्षिणकाली मंदिर सहित अन्य मठ-मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है। मंदिरों में भक्तों ने मां दुर्गा के दर्शनकर मां के दरबार में माथा टेका और चुनरी आदि प्रसाद मां के दरबार में चढ़ाया।