Home Sliderखबरेदेशनई दिल्ली

आय से अधिक सम्पत्ति मामला: वीरभद्र ने हाईकोर्ट के आदेश को SC में दी चुनौती .

नई दिल्ली, 05 अप्रैल = हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आय से अधिक संपत्ति मामले में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है । दिल्ली हाईकोर्ट उनकी याचिका ठुकरा चुका है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने 31 मार्च को वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह की आय से अधिक संपत्ति मामले में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की अर्जी को खारिज कर दिया था । याचिका खारिज करने के कुछ ही घंटों में सीबीआई ने पटियाला हाउस कोर्ट में वीरभद्र समेत नौ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।

वीरभद्र सिंह और प्रतिभा सिंह ने कहा था कि किसी अदालत ने ऐसा कोई आदेश, निर्देश या फैसला नहीं दिया जिससे सीबीआई हिमाचल प्रदेश की सीमा में जांच या नियमित मामले दर्ज करने के लिए अधिकृत की गई हो । उनके निजी आवास एवं अन्य परिसरों पर सीबीआई ने दुर्भावना एवं राजनीतिक बदले की भावना से छापेमारी की ।

कुमार विश्वास के इस ट्वीट पर विहिप ने ली चुटकी.

उन्होंने आरोप लगाया है कि सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करने में अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया ।उन्होंने कहा था कि एक वर्तमान मुख्यमंत्री के आवास की छापेमारी से पहले राज्य सरकार और गृह विभाग की अनुमति नहीं ली गई । दूसरी ओर, सीबीआई ने दलील दी कि वीरभद्र के खिलाफ आरोप बहुत गंभीर हैं, क्योंकि इसमें बड़ी धनराशि शामिल है और राज्य सरकार ने उन्हें बचाने के लिए कुछ ज्यादा ही बेचैनी दिखाई है ।

ये हैं मामला 

आपको बता दें कि वीरभद्र सिंह के खिलाफ मनी लांड्रिंग केस में उनके एलआईसी एजेंट आनंद चौहान वीरभद्र सिंह को भी सीबीआई ने आरोपी बनाया है । प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने चंडीगढ़ में आनंद चौहान को पिछले साल 8 जुलाई को गिरफ्तार किया था। चौहान के खिलाफ वीरभद्र सिंह के पांच करोड़ रुपये जीवन बीमा में निवेश करवाने का आरोप है।

चौहान ने वीरभद्र सिंह से पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम कैश में लिया और अपने बैंक खाते में जमा करवा दिया । फिर उसने वीरभद्र सिंह और उनके रिश्तेदारों के नाम पर बीमा पॉलिसी खरीद कर निवेश कर दिया । बैंक खाते में मोटी रकम जमा होने के कारण वह आयकर विभाग की नजर में आ गया। वीरभद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में केस लंबित है।

Related Articles

Back to top button
Close