पटना, सनाउल हक़ चंचल-
पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पीएमसीएच में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लेने के लिए करीब चार घंटे अस्पताल में बिताएंगे. संभवत: मंगलवार की रात 8 से 12 बजे तक वहां रहेंगे. प्राचार्य डॉ. विजय कुमार गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री बारी-बारी से सभी अस्पतालों का निरीक्षण कर रहे हैं. इसी क्रम में मंगलवार को पीएमसीएच रहे हैं. इसकी जानकारी सभी सीनियर डॉक्टरों को दे दी गई है. इसके साथ ही वे पटना सिटी स्थित गुरुगोविंद सिंह अस्पताल का भी निरीक्षण कर सकते हैं.
पीएमसीएच की इमरजेंसी में जनवरी से और 100 बेड की सुविधा बहाल हो जाएगी. इसके बाद बेडों की संख्या 200 हो जाएगी. सेंट्रल इमरजेंसी अभी 100 बेड हैं. बेडों के लिए हो रहे निर्माण कार्य को 31 दिसंबर तक हर हाल में पूरा करना है. सोमवार को बीएमएसआईसीएल के एमडी संजय सिंह ने इंजीनियर और ठेकेदार के साथ निर्माण कार्य का जायजा लिया. उनके साथ अस्पताल के अधीक्षक डॉ. दीपक टंडन इमरजेंसी के चीफ कैजुअल्टी मेडिकल आफिसर डॉ. अभिजीत सिंह भी थे.
डॉ. टंडन ने बताया कि एमडी ने इंजीनियर और ठेकेदार को निर्देश दिया कि निर्माण कार्य को 31 दिसंबर के पहले पूरा कर दें ताकि उसका उद्घांटन जनवरी के पहले सप्ताह में कराया जा सके. उधर, पीएमसीएच के हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए कंट्रोल रूम में सोमवार को दो मॉनिटर लगाया गया है. आग बुझाने के लिए नई तकनीक पर विकसित फायर बॉल की व्यवस्था की गई है.
हालमें ही एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने आरोप लगाया था कि डॉक्टर को कई बार बुलाया गया, लेकिन वे घायल मरीज को देखने नहीं आए. इसकी शिकायत केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे से भी की थी. उस दिन चौबे इमरजेंसी का निरीक्षण करने पहुंचे थे. इसके बाद जांच कमेटी भी गठित हुई थी. हालांकि, जांच कमेटी परिजनों के आरोप को गलत बताया. सूत्रों का कहना है कि शायद यही वजह है कि स्वास्थ्य मंत्री खुद रात में मौजूद होकर मरीजों को होने वाली परेशानी को देखना चाहते हैं.