पटना, सनाउल हक़ चंचल-
बिहार में एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग के करतूत की बेरहम तस्वीरें सामने आई हैं. फिर मानवता को शर्मसार होना पड़ा है. ये तस्वीरें हैं मधुबनी जिले की. बताया जा रहा है कि परिजन गुहार लगाते रहे लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उनकी एक न सुनी. आखिर में मृतक के परिजनों को खुद ही रास्ता निकालना पड़ा. इन तस्वीरों ने स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोलकर रख दी है.
दरअसल आईएसओ मान्यता प्राप्त मधुबनी सदर अस्पताल में एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराई गई मृतक की बॉडी को ले जाने के लिए. अस्पताल प्रशासन की इस बरहमी के बाद परिजन मृतक के शव को कार की छत पर बांधकर दाह संस्कार के लिए निकल पड़े. करते भी क्या कोई रास्ता नहीं था उनके पास. ऐसी दर्दनाक घटना होती रही और सब देखते रहे.
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तस्वीरों में आप भी साफ-साफ देख सकते हैं. कैसे दो लोग मिलकर शव को बोलेरो गाड़ी की छत पर बांध रहे हैं. जी हां काली प्लास्टिक में रैप की हुई यह डेड बॉडी है. रस्सियों से बांधा जा रहा है बॉडी को. लोग देख रहे हैं लेकिन कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. कड़ी धूप में शव को गाड़ी की छत पर बांधकर ले जाना पड़ा.
बताया जा रहा है कि 72 वर्षीय नवीन्द्र जा की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. वे फुलपरास थानाक्षेत्र के सिजौलिया गांव के रहने वाले थे. घटना के बाद पुलिस ने शव को अपने कब्जे कर उसे पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा. जहां शव का पोस्टमार्टम कराया गया. जिसके बाद जब शव को ले जाने की बारी आई तो परिजनों को एम्बुलेंस या कोई वाहन मुहैया नहीं कराया गया.
मजबूरन उनके बेटे ने एक बोलेरो किराए पर लिया लेकिन ड्राइवर ने शव को कार के अंदर ले जाने से मना कर दिया. जिसके बाद शव को बोलेरो की छत पर बांधना पड़ा. अंदरखाने से यह भी बात सामने आ रही है कि अस्पताल प्रशासन ने एंबुलेंस देने के एवज में मोटी रकम की मांग की थी.