अमेंरिका ने अफगानिस्तान में IS के ठिकाने पर गिराया सबसे बड़ा बम.
अचिन (नंगरहार), 14 अप्रैल = अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान में नंगरहार प्रांत के अचिन जिले में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के ठिकाने पर पर गुरुवार की शाम सबसे बड़े गैर परमाणु बम गिराकर दुनिया को चकित कर दिया है। इस हमले में कम से कम 36 जिहादियों के मारे जाने का अनुमान लगाया जा रहा है, जबकि आम नागरिकों को नुक्सान नहीं पहुंचा है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिली।
बीबीसी के अनुसार, अफगानिस्तान के कार्यकारी प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा है कि इस्लामिक स्टेट को निशाने बनाने के लिए अमरीका द्वारा गिराए गए सबसे बड़े बम से नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा कि पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में स्थित गुफ़ा में बनी इमारतों पर यह हमला अफ़ग़ानिस्तान सरकार के साथ तालमेल से किया गया।
अफ़ग़ानिस्तान के रक्षा अधिकारियों ने कहा कि इस हमले में 36 चरमपंथी मारे गए। एक स्थानीय लड़ाका समूह के सदस्य ने कहा कि उसने एक जोरदार धमाका सुना और उसके बाद आग की गगनचुंबी लपटें देखी गईं। अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी रक्षा बलों के मुखिया जनरल ज़ॉन निकोल्सन ने कहा कि इस बम का इस्तेमाल, जिहादियों के ख़िलाफ़ चलाए जा रहे अभियान में बढ़त बनाने के लिए किया गया।
अमरीकी सेना का कहना है कि उसने पहली बार अपना अब तक का सबसे बड़े गैर परमाणु बम का इस्तेमाल किया है।
बम का नाम ‘मदर ऑफ़ ऑल बॉम्ब्स’
जीबीयू-43 नाम के इस बम को ‘मदर ऑफ़ ऑल बॉम्ब्स’ के नाम से जाना जाता है। इसे सबसे पहले 2003 में टेस्ट किया गया था, लेकिन इसका इस्तेमाल पहले कभी नहीं हुआ था।
अमरीकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा है कि उनके एक विमान ने अफ़ग़ानिस्तान के नंगरहार प्रांत में इस बम को गिराया है जिसका निशाना तथाकथित इस्लामिक स्टेट चरमपंथियों के छिपने के ठिकाने थे।यह हमला पिछले हफ्ते अफ़ग़ानिस्तान में आईएस से लड़ाई के दौरान अमरीकी सैनिक की मौत के बाद हुआ है।
अमरीका ने हमले के नतीजों की पुष्टि नहीं की
पेंटागन ने कहा कि बम अफ़ग़ानिस्तान में इस्लामिक स्टेट गुट की सुरंगनुमा इमारत पर गिराया गया। इस बम का वज़न 9800 किलोग्राम था और इसकी लंबाई 30 फीट से ज़्यादा थी।अमरीका ने हमले के नतीजों की पुष्टि नहीं की है, लेकिन एक स्थानीय अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि हमले में कई आईएस चरमपंथी मारे गए हैं, जिनमें कथित तौर पर आईएस के एक बड़े लीडर का भाई भी शामिल है।
अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी सेना के कमांडर जनरल जॉन निकोलसन ने कह,“ जिहादियों के गुटों की हार में बढ़ोतरी हुई थी इसलिए बचाव के लिए वह आईईडी, बंकरों और सुंरगों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन बाधाओं को कम करने और हमारी हमलों की गति बनाए रखने के लिए ये सही हथियार था।”