रांची, 29 दिसम्बर= नक्सलियों के काले धन और अफीम तंत्र पर कार्रवाई के साथ अब राज्य में नक्सलियों के खिलाफ साइकोलॉजिकल सर्जिकल स्ट्राइक भी पुलिस ने शुरू कर दी है। इसके तहत झारखंड पुलिस नक्सल प्रभावित इलाकों में भाकपा माओवादी, पीएलएफआइ, टीएसपीसी जैसे बड़े प्रतिबंधित संगठनों के टॉप इनामी हार्डकोर नक्सलियों का पोस्टर और फोटो ग्रामीणों को दिखाने का काम कर रही है। इसके पीछे पुलिस का मकसद नक्सलियों की बर्बरता की ग्रामीणों को जानकारी देकर उन्हें जागरूक करना है जिससे वे उनलोगों को गिरफ्तार करने में पुलिस की मदद करें। पकड़े जाने वाले नक्सलियों पर जो इनाम की राशि होगी उनके अनुरुप उन्हें राशि भी दी जायेगी। साथ ही उनके नाम को पूरी तरह से गोपनीय रखा जायेगा। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय के स्तर से जिलों के एसपी को निर्देश जारी किया गया है।
पुलिस की ओर से गांव के लोगों को यह भी बताया जा रहा है कि बड़े नक्सलियों और संगठनों द्वारा किस तरह से आमलोगों का शोषण किया जा रहा है जबकि नक्सलियों के परिवार के लोग आराम की जिंदगी जी रहे हैं। उनके बच्चे बड़े स्कूलों और संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं। जबकि स्कूलों को निशाना बनाकर नक्सली ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा से महरूम कर उन्हें जबरन अपने संगठन में शामिल करने की नापाक हरकत कर रहे। छोटे नक्सली कैडर की जिंदगी बंदूक ढोने और बड़े नक्सलियों की सेवा में गुजर जाती है। गरीबों के हक की लड़ाई का दंभ भरने वाले नक्सली सबसे ज्यादा उनका ही शोषण कर रहे हैं।
झारखंड पुलिस का यह मानना है कि अगर नक्सली संगठन के निचले स्तर के कैडरों को यह समझ में आ जाए की बड़े नक्सली नेता अपनी कमाई के लिए उनके जीवन के साथ खेल रहे हैं तो वे अपने आप मुख्यधारा में लौट आयेंगे, जिससे उनका संगठन कमजोर हो जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में पोस्टर और अन्य माध्यमों से नक्सलियों की क्रूरता से लोगों को अवगत कराया जा रहा है। उनकी गिरफ्तारी के लिए ग्रामीणों से सहयोग की अपील की जा रही है। आइजी प्रोविजन सह पुलिस प्रवक्ता आरके मल्लिक ने बताया कि झारखंड पुलिस नक्सल प्रभावित ग्रामीण इलाकों में भाकपा माओवादी, पीएलएफआइ, टीएसपीसी जैसे बड़े प्रतिबंधित संगठनों के टॉप इनामी हार्डकोर नक्सलियों का पोस्टर और फोटो ग्रामीणों को दिखाने का काम कर रही है। इससे नक्सलियों के सरेंडर और गिरफ्तारी में मदद मिलेगी।