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अब इनको भी मिलेगी अनुकंपा पर नौकरी, बिहार सरकार ने कर लिया है फैसला

पटना, सनाउल हक़ चंचल-

राज्य सरकार ने सरकारी सेवकों की सेवाकाल में मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर मिलने वाली नौकरियों के लिए सधवा पतोहू को आश्रितों की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है. राज्य सरकार यह व्यवस्था कुछ शर्तों की साथ की है. आश्रितों की श्रेणी में विधवा पुत्रवधु पहले से शामिल थीं. अब सधवा पुत्रवधु को भी इस श्रेणी में रखा गया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है.

आदेश में कहा गया है कि कई मामलों में मृत सरकारी सेवक के घोषित आश्रितों में से कोई शारीरिक या मानसिक रूप से नौकरी के योग्य नहीं रहता. केवल सधवा पुत्रवधु ही नियुक्ति के योग्य पाई गई, लेकिन आश्रितों की श्रेणी में शामिल नहीं होने के चलते अनुकंपा का लाभ नहीं मिला. इसे देखते हुए सरकार ने मृत सरकारी सेवक के सधवा पुत्रवधु को भी आश्रितों की श्रेणी में शामिल कर लिया है. सेवाकाल में मृत सरकारी सेवक का कोई आश्रित नियुक्ति के योग्य नहीं होगा, तो सधवा पुत्रवधु को अनुकंपा पर नौकरी दी जा सकेगी.

आदेश में बताया गया है कि कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के ज्ञापांक 13293 दिनांक 5 अक्तूबर 1991 की आश्रितों से संबंधित कंडिका को इस हद तक संशोधित किया है. अपर सचिव ने कई मामलों में मृत सरकारी सेवक के किसी भी आश्रित को अनुकंपा का लाभ संभव नहीं हो पाने से उसके परिवार के सक्षम आश्रित के भरण-पोषण की समस्या को लेकर सम्यक विचारोपरांत निर्णय लेने की बात कही है.

अनुकंपा नियुक्ति की नीति का उद्देश्य सेवक के सेवाकाल में असामयिक मृत्यु के कारण उनके आश्रितों एवं परिवारों के समक्ष भरण-पोषण की समस्या का निराकरण करना है. ताकि आर्थिक तंगी नहीं हो. उन्होंने इस तरह के प्रस्ताव का सरकार के समक्ष विचाराधीन रहने का उल्लेख किया है, जिसपर निर्णय के बाद सधवा पुत्रवधु को भी आश्रित के श्रेणी में लाया गया है.

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