हरिद्वार, 16 अगस्त : संस्कृति के संरक्षक भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के अवसर पर शान्तिकुन्ज में विधिविधान के साथ उनके पूजन-अर्चन कर हर्षोल्लास के साथ उत्सव मनाया गया। गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण एक ऐसे महापुरुष का नाम है, जो विपरीतताओं की घनी अंधेरी रात में भी शीतल चांदनी फैलाकर अपना मार्ग प्रशस्त करने वाले हैं। जन्म से ही वे इस तरह की बाधा-विपत्तियों की काली घटाओं का साहस के साथ सामना करते रहे। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर यदि हमारा जीवन श्रीकृष्णमय बन सके, तभी उत्सव मनाना सार्थक है।
संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैल दीदी ने कहा कि यह उत्सव एक ऐसे सांस्कृतिक पुरुष का है जिनका जीवन तमाम संघर्षों के बीच भी सदा उत्सव से ही भरा रहा है। संघर्षमय परिस्थितियां साधारणतः मनुष्य को हतोत्साहित कर देती हैं जबकि भगवान श्रीकृष्ण उनके बीच भी सदा मुस्कराते ही रहे।
जन्माष्टमी कार्यक्रम में शामिल हुए राज्यपाल, मुख्यमंत्री
उत्सव में सम्मिलित सभी परिजन जब जन्में श्रीकृष्ण भगवान…, जो तुम मिटाना चाहो जीवन की तृष्णा, तो मिलकर गाओ कृष्णा-कृष्णा आदि गीतों के साथ झूमते रहे। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में शांतिकुंज, गायत्री कुंज, ब्रह्मवर्चस एवं देश-विदेश से आये हजारों परिजन सम्मिलित रहे।